Saturday, April 2, 2011

आप क्या कर रहे हैं किसान भाई



    जो जमीन जिंदगी दे रही है, और जो जवान जमीन को अपना जमीर समझ रहा है। उसी की वजह से ही सारी दुनिया जीवित है। जीं हां मैं बात कर रहा हूं किसानों की, वो ही इंसान जो हर हाल में मेहनत करता है और अनाज पैदा करता है। उसी अनाज को खरीदकर देश की 80 फीसदी जनता खाती है। किसान को पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान की संज्ञा दी थी। पर अब वह किसान भी लोभ में अंधा होता जा है। अपने खेतों तबाह करने में वह आगे बढ़ता ही जा रहा है। खेतों की नरवाई हटाने (गेहूं की कटाई के बाद बचा नीचे का कचरा) वह खेतों को आग लगा देता है, जिससे पूरा खेत जल जाता है और खेत एकदम साफ हो जाता है। पर इस काम को करने के बाद खेतों को जो नुकसान पहुंच रहा है उससे किसान अंजान है। आपको बता दें कि खेतों पर आग लगाने से खेतों की उर्वरा क्षमता कम हो जाती है। पर क्या करें किसानों को इस बात की जानकारी नहीं है या फिर वे किसी की बातें मानते ही नहीं।
क्या होता है नुकसान
-खेतों को साफ करने आग लगाने से मिट्टी भी जल जाती है।
-साथ ही जमीन में रहने वाले सूक्ष्म जीव जो कि फसलों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं वे भी नष्ट हो जाते हैं। -जमीन की उर्वरा क्षमता कम हो जाती है।
-भूमि की जल धारण क्षमता कम होती है
ऐसे ही हजारों नुकसान होते हैं
ये करें किसान भाई
किसान भाईयों अगर आप अपने खेतों से उत्पादन हर  साल बढ़ाना चाहते हैं तो मेरी सलाह मानें या फिर कृषि अधिकारियों से मिलें। आप लोग गेहूं की कटनी के बाद रोटीवेटर से खेत जुतवाएं, इससे जो भी कचरा है वह जमीन के काफी अंदर पहुंच जाएगा। एक से दो साल के अंदर वह खाद बन जाएगा और फसल के लिए वरदान होगा। रोटीवेटर चलवाने में सिर्फ अधिकतम 400 रुपए एकड़ खर्च आएगा, लेकिन फायदा हजारों का।
खेतों को जलाना अपराध है
खेतों में आग लगाने के लिए जिला कलेक्टर नियम बनाते हैं। वे उन किसानों पर जुर्माना लगा सकते हैं जिनके खेतों में आग लगती है।


आईऐ देखें खेत जलाने से क्या-क्या जला, कितने किसान लुटे


घटना 30 मार्च की
-होशंगाबाद के डोलरिया, बघवाड़ा और माखननगर के गांव गनेरा में 30 मार्च को 25 एकड़ से ज्यादा की गेहूं की फसल राख हो गई। बघवाड़ा के पांच मकान भी आग में स्वाहा हो गए। -डोलरिया गांव में 30 एकड़ फसल आग की चपेट में आ गई।

-रायसेन के गोलवानी गांव में 30 मार्च को दोपहर 12 बजे लगी आग में 150 बकरियां, 5 बछड़े, दो गाय और 50 से ज्यादा मुर्गे-मुर्गियां जल गइं।
घटना 29 मार्च की
-29 मार्च को होशंगाबाद जिले के बाबई, सोहागपुर सहित कई गांवों में लाग लगी, जिसमें 1550 एकड़ क्षेत्र में सर्वाधिक नुकसान सिखाड़ गांव के किसानों को हुआ
-1000 एकड़ की फसल खाक हो गई। इसके अलावा रैपुरा, चीचली, खिड़िया, जमुनिया में करीब 500 एकड़ क्षेत्र में फसल जल गई। काजलखेड़ी गांव में भी दो एकड़ फसल और तीन एकड़ की नरबाई जल गई।
-सोहागपुर गांव में भी भूसा बनाने की मशीन से निकली आग के कारण 37 एकड़ गेहूं की फसल खाक हो गई।
-कलेक्टर निशंत  वखड़े ने नरवाई जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। 

-परवलिया थाना क्षेत्र के ग्राम कुराना में 30 मार्च की सुबह 9 बजे खेत में आग लग गई, जिसमें 33 एकड़ की गेहूं की फसल खाक हो गई।
-बैरागढ़ के थाना खजूरी के ग्राम र्इंटखेड़ी में भी 30 मार्च को दो-दो एकड़ में गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई।
-30 मार्च को ही ग्राम भौरी बकानिया में बद्रीप्रसाद के खेत में भी आग लग गई।

घटना 28 मार्च की
-28 मार्च को हरदा जिले के नांदरा में सैकड़ों एकड़ की गेहूं की फसल खाक हो गई। दोपहर एक बजे लगी आग पर रात 10 बजे काबू पाया जा सका।
-गांव के 50 से अधिक मकान भी जल गए। आग 15 किलोमीटर दूर स्थित आदमपुर, गोयत, गुल्लास, शमशाबाद, कांमियाखेड़ा, करवाना तक पहुच गई। यहां चार लोग झुलस गए और दो महिलाओं के पैर फ्रेक्चर हुए हैं।
-आदमपुर में भी भूसा निकालने की मशीन से चिंगारी निकली थी। तहसीलदार अलका एक्का के अनुसार 500 एकड़ की फसल जली
घटना 31 मार्च की
-भिण्ड के गोहद क्षेत्र के ग्राम धमसा के खेतों में गुरुवार को अचानक आग लग जाने से 12 किसानों का अनाज जलकर राख हो गया। मौके पर पहुंची चार दमकलों ने छह घंटे में आग पर काबू पाया।
-गोहद के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसएल सोनी ने बताया कि ग्राम धमसा निवासी रमेश गोस्वामी के खेत में गुरुवार शाम अचानक आग लग गई थी।
-आग से 12 किसानों का करीब 100 क्विंटल से अधिक गल्ला जलकर राख हो गया।

-भिण्ड जिले के गोहद क्षेत्र के ग्राम धमसा के खेतों में गुरुवार को अचानक आग लग जाने से 12 किसानों का अनाज जलकर राख हो गया। गोहद के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसएल सोनी ने बताया कि ग्राम धमसा निवासी रमेश गोस्वामी के खेत में गुरुवार शाम अचानक आग लग गई थी।12 किसानों का करीब 100 क्विंटल से अधिक गल्ला जलकर राख हो गया।