Sunday, July 8, 2012

कमीशन के भूखे ‘भगवान’

prakash amte aur mandaki amte. hamare doctor inse kuch to sekh sakte hai.

राम-रावण का युद्ध चल रहा था। रावण का बेटा मेघनाद और लक्ष्मण जी भिड़ गए। लक्ष्मण जी से हारने की कगार पर पहुंचे मेघनाद ने शक्तिबाण चला दिया। लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए। अब ऐसा डॉक्टर की तलाश शुरू हुई जो लक्ष्मण जी का इलाज कर सके। अब डॉक्टर भी मिले तो दुश्मन रावण के मुल्क के। सुषेण नामक वैद्य जी हां। वैद्य ने दोस्ती देखी न दुश्मनी और लक्ष्मण जी का इलाज किया।
ऐसे होते थे वैद्य डॉक्टर
अब बाबा आम्टे की बात करते हैं। दुनिया भर में प्रसिद्धि बटोरने वाले सच्चे जनसेवक थे बाबा आम्टे। बचपन में चांदी के पलंगों में सोने वाले बाबा ने जवानी समाजसेवा को समर्पित कर दिया। उनके बेटे और बहू जो कि पेशे से डॉक्टर हैं वे भी पैसे नहीं समाजसेवा कमा रहे हैं। प्रकाश और बहू मंदाकिनी आम्टे महाराष्ट्र में कुष्ठ रोगियों के लिए सेवा में समर्पित हैं....
आप सोच रहे होंगे कि मैं इनकी बात क्यों कर रहा हूं। आपके सवालों का जवाब नीचे है
आजकल अधिकतर डॉक्टर बेईमान हो गए हैं। दवा कंपनियों से पैसे और गिफ्ट लेने की बातें तो पहले भी सुनी थीं। मैंने तो यहां तक सुना था कि कई कंपनियां डॉक्टरों को फ्लैट भी गिफ्ट करती हैं। पर रविवार को पढ़ी खबर से सन्न रह गया। एक दवा कंपनी ने लाखों रुपए खर्च कर डॉक्टरों को विदेश की सौर करवा दी। मात्र टिकट ही 12 लाख रुपए का था। सोचिए पूरी यात्रा में कितने रुपए खर्च हुए होंगे।
इन डॉक्टरों से इलाज कराने वाले कई मरीज ऐसे होते हैं, जो जिंदगी भर मेहनत से रुपए कमाते हैं और एकसाथ 12 हजार रुपए भी नहीं देख पाते। जब बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर कमीशन के चक्कर में महंगी दवाएं लिखते हैं, गरीबों को जिंदगी बचाने के लिए दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। डॉक्टर चाहें तो सस्ती दवाएं भी लिख सकते हैं। पर ऐसे में विदेश घूमने को कहां मिलेगा।
एक डॉक्टर ईमानदारी से भी काम करे तो वह इतना  कमा सकता है कि उसका जीवन बेहतर कट सकता है। फिर कई डॉक्टर लोगों से खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं। पैसों के लोभ में इतनी महंगी दवाएं क्यों लिख देते हैं कि बिल देखकर ही लोग मर जाएं। आखिर विदेश सैर या गिफ्ट की भूख से भगवान बेइमान क्यों बन रहा है।
मैं ऐसे दर्जनों डॉक्टरों को जानता हूं, जो हफ्ते में एक दिन नि: शुल्क परामर्श देते हैं और हो सके तो उन्हें दवाएं भी उपलब्ध कराते हैं। ऐसे समाजिक सेवा करने वाले डॉक्टर भी तो पैसों के लोभी हो सकते हैं पर अभी तक वे बचे हुए हैं। शायद वे सच्चाई जानते हैं। जो भी हो भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों को कुछ तो शर्म करनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा यह होगा कि उन्हें विदेश यात्रा नहीं मिलेगी। उन्हें गिफ्ट नहीं मिलेंगे, लेकिन हां सबसे बड़ी चीज मिलेगी। मरीजों की दुआ।