Thursday, November 13, 2014

आईएएस, डॉक्टर, सरकार सब जिम्मेदार?

chhatisgrah  नसबंदी sterilization

महिलाओं की जान क्या इतनी सस्ती है?
दीपक राय, उप संपादकीय...
29 सितंबर 2011 को बालोद जिले के बागबेहरा में नेत्र चिकित्सा शिविर में 44 लोगों की आंखें चली गई थीं। 27-28 मार्च 2012 को दुर्ग में आयोजित नेत्र चिकित्सा शिविर में 4 लोग अंधे हो गए।  9 और 10 दिसंबर 2012 को महासमुन्द में शिविर में डॉक्टरों ने 14 लोगों को अंधा बना दिया। 2011-12 में छत्तीसगढ़ में कुछ डॉक्टरों ने सैकड़ों महिलाओं का गर्भाशय निकाल लिए। और अब नसबंदी रिकॉर्ड बनाने के लिए 13 महिलाओं की जान ले ली। नियम के मुताबिक एक डॉक्टर की टीम एक शिविर में सिर्फ 30 ऑपरेशन कर सकता है, लेकिन यहां 83 ऑपरेशन कर दिए। ऑपरेशन स्थल पर कलेक्टर, सीएमओ सहित बड़े अफसरों का होना जरूरी है। वेदप्रताप वैदिक ने कहा है कि देश को सरकार नहीं, बल्कि नौकरशाह चलाते हैं। क्या पढ़लिखकर इसलिए आईएएस बने थे कि सरकार की कठपुतली बनकर काम करेंगे।