Tuesday, December 18, 2018

Monday, December 3, 2018

आदमी जी रहा है, पर मर-मर कर जी रहा है...

दीपक राय (गैस त्रासदी के 34 साल पर विशेष लेख) वे गर्भवती नहीं हो पा रहीं। कुछ गर्भधारण करती हैं तो गर्भपात हो जाता है। जो बच्चे जन रही हैं तो बच्चे अपंग पैदा हो रहे। किसी का शारीरिक विकास रुक गया, किसी का दिमाग अविकसित हो रहा। किसी का ह्दय खराब, किसी की आंखें ही नहीं। हजारों लोग अपने आप अंधे हो गये। हजारों लोग कैंसर के मरीज बन गए। आज भी किडनी खराब हो रही हैं। महिलाएं असमय माहवारी और अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या से जूझ रही हैं। वह जहरीली हवा अब कहीं उड़ गई, लेकिन शरीर में ऐसे घुसी की आज भी लोग खुद के बच्चों के मरने की दुआ करते हैं, वे भयंकर बीमार होकर भी तिल-तिलकर जी रहे हैं। धड़कनें हैं कि थमती ही नहीं। सरकारी सितम को सहते-सहते हजारों लोग असमय काल के गाल में समा गये। इस खौफनाक दृश्य को देखना है तो कभी समय निकालकर पुराने भोपाल घूम आइए। कभी भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र जाकर मरीजों से मिल आइए। भोपाल के जेपी नगर में जाकर दर्दनाक दृश्य अब भी दिखता है। यहां वह पीडि़त मिलेंगे, जिन्हें न इलाज मिला, न सम्मानजनक सरकारी सहायता। इन लोगों के गुनहगार कई व्यक्ति थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर भाजपा और समाजसेवी संगठनों ने गंभीर आरोप लगाए, लेकिन जब वही भाजपा सरकार में आई तो उसने भी पीडि़तों की मदद उस तरह नहीं कि जिसकी दरकार थी। अंत में गुनहगार एक गैस को ही माना गया। उस गैस का नाम था- 'मिथाइल आइसो साइनेट '। भोपाल गैस त्रासदी को आज 34 साल हो गए। उस कड़ाके की ठंड से भरी खौफनाक रात को याद करते हुए भोपालियों की रूह कांप जाती है। 3 दिसंबर तड़के (2 दिसंबर की रात) भोपाल स्थित यूनियन काबाईड इंडिया लिमिटेड के कारखाने से 40 टन मिथाइल आइसो साइनेट नामक जहरीली गैस रिसी थी। यह विश्व की सबसे बड़ी उद्यौगिक त्रासदी थी। मध्यप्रदेश की तत्कालीन सरकार मृतकों की संख्या 3,787 बताई। लेकिन उस वक्त आंखों से यह मंजर देखने वाले लोगों का कहना है कि 8 हजार से ज्यादा लोग तो एक दिन में ही मारे गए थे। 2006 में सरकार ने माना गया था करीब 558,125 सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे। फैक्ट्री के आसपास 3-4 किमी क्षेत्र का भूजल जहरीला हो गया, जिसे पीकर भी लोग बीमार हुए। यह कचरा आज भी फैक्ट्री परिसर में मौजूद है। 1993 में सुप्रीम कोर्ट की बार-बार फटकार के बाद गैस पीडि़तों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल बनाया गया। लेकिन वह भी अव्यवस्थाओं का शिकार है। न पर्याप्त स्टाफ है, न ही बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं। 'भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभागÓ की 2016-2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 63,819 दावा प्रकरणों में 10,251 कैंसर ग्रस्त गैस पीडि़त, 5250 किडनी रोगी हैं। 4902 लोगों में स्थाई विकलांगता है। जो भी सरकारें आईं उन्होंने आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेला। 29 सिंतबर 2014 को मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन की मौत हो गई। भाजपा कहती है कि घटना के वक्त केंद्र में राजीव गांधी की सरकारी थी। राजीव के आदेश के बाद मप्र की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने एंडरसन को सुरक्षित दिल्ली भेजा। दिल्ली से राजीव ने उसे अमेरिका पहुंचा दिया। भोपाल के तत्कालीन कलेक्टर, एपी पर भी आरोप लगे, लेकिन वे तो छोटे मोहरे थे। कोर्ट में आज भी तारीख पर तारीख चल रही हैं। समाजसेवी संगठन कहते हैं कि भाजपा सरकारों ने गैस पीडि़तों न पर्याप्त मुआवजा दिया, न ही गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया कराया। आदमी जी रहा है, पर मर-मर कर जी रहा है... (नोट : लेखक की अनुमति के बगैर इस लेख को प्रकाशित या पोसट करना प्रतिबंधित है।)
Bhopal Gas Tragedy

Thursday, November 29, 2018

Deepak Rai Special Page

My Work, My Worship
मेरा काम, मेरी पूजा...
आपने मतदान कर जिम्मेदारी निभाई। हमने अपने दायित्व का निर्वहन कर आपको समचार दिया। लोकतंत्र के महापर्व पर पूरा एक पेज का कवरेज दिया। बोझिल डाटा और फर्जी अनुमानों को हमारे अखबार में जरा भी जगह नहीं दी गई। वैसे भी मेरा लक्ष्य जनता तक सही सूचनाएं प्रसारित करना है। इस पेज में हमारी टीम का नाम भी प्रकाशित हुआ है।
पेज कंटेंट/कांसेप्ट : दीपक राय, न्यूज एडिटर
डिजाइन : हरीश शाक्य
Deepak Rai Special Work about Mp election 2018

Thursday, November 22, 2018

राम से दूर क्यों भागते हैं शिव


  • भाजपा के लिए अभिशप्त है चित्रकूट
  • कैसे पूरी होगी कामना : राम की वनवास स्थली में ही 'वनवास' काट रही भाजपा

दीपक राय, चित्रकूट की खास रिपोर्ट...
राम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राम से दूरी बना रहे हैं। चित्रकूट में भाजपा कई वर्षों से सत्ता का वनवास काट रही है, लेकिन मुख्यमंत्री कभी चित्रकूट नहीं गए। घोर उपेक्षित क्षेत्र को शिव 'राज' ने विकास के एजेंडे में कभी शामिल नहीं किया। 40 प्रतिशत ब्राम्हण वोट वाले इस क्षेत्र में शिवराज के प्रति घोर आक्रोश है। पिछले उपचुनाव में करारी शिकस्त खा चुकी भाजपा इस बार भी कमजोर है, बावजूद मुख्यमंत्री ने इस सीट को उपेक्षित छोड़ दिया। शिवराज मझगंवा से आगे नहीं बढ़े, जबकि चित्रकूट वहां से महज 30 किमी दूर ही है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चित्रकूट पहुंचकर कामतानाथ का आशीर्वाद ले चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो कामतानाथ की पूजा करने के बाद ही इस चुनाव में विंध्य का दौरा शुरू किया है। लेकिन शिवराज सिंह चौहान चित्रकूट नहीं पहुंचे।
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राम का अभिशाप ऐसा कि...!
28 वर्षों में सिर्फ एक बार ही जीती भाजपा
पिछले 28 सालों में इस सीट पर हुए 7 चुनावों में भाजपा एक बार ही जीत पाई। 2008 के चुनाव में सुरेंद्र सिंह गहरवार ने कांग्रेस के प्रेम सिंह को महज 722 वोटों से हरा दिया था। 2013 के चुनावों में गहरवार को 10,970 मतों से हराकर कांग्रेस के प्रेमसिंह ने फिर वापसी की थी। पे्रम सिंह के निधन के बाद 2017 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज भाजपा उम्मीदवार शंकर दयाल त्रिपाठी के लिए प्रचार करने मझगवां क्षेत्र से आगे नहीं बढ़े। मुख्यमंत्री अर्जुनपुर, बरौधा, प्रतापगंज, हिरौधी, पिडरा, मझगवा में चुनावी सभा करने पहुंचे। इन सभी जगहों पर भाजपा प्रत्याशी को करारी हार मिली।
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आदिवासी के घर रात बिताई, लेकिन विश्वास न जीत पाए
उपचुनाव में मुख्यमंत्री लगातार तीन चित्रकूट क्षेत्र में रहे। इस दौरान वे तुर्रा गांव में आदिवासी लालमन सिंह गोंड के घर रात में रुके, खाना खाया। प्रशासन ने लालमन के घर जल्दबाजी में शौचालय बनवा दिया। मुख्यमंत्री के लौटते ही शौचालय का सारा सामान ले गए, इससे भी मुख्यमंत्री की खूब आलोचना हुई थी। रात रुकने और साथ खाने के बाद भी मुख्यमंत्री लोगों का विश्वास नहीं जीत पाये, भाजपा को महज 243 वोट मिल पाये, जबकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस के की झोली में 413 वोट आये। भाजपा के प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी को अपने गृह ग्राम में ही हार का सामना करना पड़ा। त्रिपाठी को अपने ससुराल में 196 वोट ही मिल पाये, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी को यहां से 519 वोट हासिल हुए। भाजपा की यह हालत तब हुई, जबकि भाजपा ने पूरा तन-मन-धन लगा दिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 29 सभाएं, 11 रोड शो किए। तीन दिन चित्रकूट में रुके। 29 मंत्री समेत संगठन के दिग्गज नेताओं की फौज मैदान में थी। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी चुनाव प्रचार के लिए आए थे। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे होने के कारण उत्तरप्रदेश के ओबीसी चेहरा व उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य ने भी चित्रकूट में रोड शो किया।  750 से ज्यादा सभाओं के बाद भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी।
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अधूरे वादे बने शिव की समस्या
भाजपा या शिवराज का नाम लेते ही चित्रकूटवासी भड़क जाते हैं। वे कहते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने चित्रकूट के लिए 13 सालों में कई घोषणाएं की, लेकिन वे अब तक अधूरी हैं। मतदाता रोष जताते हुए कह रहे हैं कि हमारे क्षेत्र में न सड़क हैं, न बिजली, न ही पीने योग्य पानी। जंगली क्षेत्र होने के बावजूद पशुओं द्वारा फसलों की नुकसानी की शिकायत तक नहीं लिखी जाती।
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राम पथ गमन : 11 साल पहले ऐलान, काम सून-सपाट
मुख्यमंत्री ने चित्रकूट में राम पथ गमन का निर्माण कराने की घोषणा 2007 में की थी, लेकिन आज तक यह योजना जमीन पर नहीं उतरी। भगवान राम मध्य प्रदेश के जिन रास्तों से होकर गुजरे, वहां राम वन गमन पथ बनाया जाना था। इस कारण यहां लोगों में राम के प्रति आत्याधिक आस्था है। राम पथ गमन के अधूरे वादे के कारण के साधु, संत और ब्राम्हणों के वोट भी भाजपा के खिलाफ पड़ते हैं।
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न शिक्षा, न सुविधाएं 
चित्रकूट विधान सभा के दर्जनों गांव आज भी सड़क को तरस रहे हैं। ग्राम पंचायत देवरा के बारा अमराई गांव में सड़क ही नहीं है। यही हाल क्षेत्र के दर्जनों गांवों का है।
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रोजगार का संकट 
वन संपदा से परिपूर्ण व पर्यटन संभावनाओं से भरपूर चित्रकूट में रोजगार का संकट है। यहां के लोग उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में पलायन कर जीवन यापन कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि 15 साल से शिवराज सरकार ने रोजगार के लिए कुछ नहीं किया।

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  • 14,133 मतों का अंतर कैसे दूर होगा?
  • 9 नवंबर 2017 को हुआ था उपचुनाव (कांग्रेस विधायक प्रेमसिंह के निधन पर)
  • 12 नवंबर 2017 को आए उपचुनाव परिणाम में कांगे्रस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी जीते
  • 14,133 मतों से जीते थे नीलांशु
  • 66,810 वोट मिले कांगे्रस को
  • 52,677 वोट मिले भाजपा को

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2013 के हारे प्रत्याशी के भरोसे भाजपा
2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्यशी प्रेम सिंह ने भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह गहरवाल को 10,970 मतों के अंतर से परास्त किया था। प्रेम सिंह के निधन के बाद उपचुनाव में भाजपा ने संघ के कार्यकर्ता शंकर दयाल त्रिपाठी को कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी से लड़ाया था। वहीं, अब पार्टी ने गहरवार पर फिर भरोसा जाताया है।
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40 प्रतिशत ब्राम्हण मतदाताओं में आक्रोश
भाजपा को हराना है, चाहे फिर कोई भी जीते...
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के एक प्रोफसर ने एक्सप्रेस न्यूज को बताया कि चित्रकूट क्षेत्र में 40 प्रतिशत के करीब ब्राम्हण मतदाता हैं। इन सभी में राम को लेकर आस्था है। सरकार द्वारा राम पथ गमन सहित विकास के कई वादे किये गए, लेकिन वह आज तक अधूरे हैं। चित्रकूट आए बगैर लोगों की चारधाम यात्रा पूरी नहीं होती, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई सालों से चित्रकूट नहीं आए। ऐसे में लोगों के मन में आक्रोश उपजा है। मतदाता इस सोच के साथ वोट करता है कि भाजपा को हराना है, भले ही फिर कोई भी जीत जाये।
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संघ का केंद्र, नानाजी का नाम, लेकिन वोट नहीं
संघ के ख्यातिप्राप्त चेहरा नानाजी देशमुख ने चित्रकूट को ही अपनी कर्मभूमि चुना था और अपने मित्र दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर एक शोध संस्थान शुरू किया। ग्रामीण विकास के मॉडल पर विकास को विकसित करने वाले संघ नेता के निधन के बाद अब भी यह शोध संस्थान कार्यरत है। इस संस्थान के होते हुए भी यहां भाजपा का खाली हाथ रहना आश्चर्य की बात है।
Deepak Rai Sepcial Report About CHITRAKOOT

Wednesday, November 21, 2018

मध्यप्रदेश चुनाव : विशेष विश्लेषण... युवा और किसान तय करेंगे मध्यप्रदेश की जीत



दीपक राय (मप्र घोषणा पत्र विश्लेषण)
  • मध्यप्रदेश में 85 लाख से ज्यादा किसान हैं 
  • किसानों पर 78 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 
  • कांग्रेस ने कर्जमाफी की घोषणा की, किसानों में खुशी
  • भाजपा ने बोनस देने की घोषणा कर छोटे किसानों को रिझाया
  • 5 करोड़, 03 लाख, 94 हजार, 260 मतदाताओं में से 57.09 प्रतिशत युवा हैं
  • भाजपा की दृष्टि से 'रामÓ, गाय भी गायब, कांग्रेस ने राम, गाय को दिया स्थान
    Manifesto Analysis MP election 2018 by deepak rai

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुनावी महाभारत प्रारंभ हो चुकी है। करीब एक हफ्ते बाद मतदान कर जनादेश दे दिया जाएगा कि कौन सत्ता संभालेगा और कौन विपक्ष में बैठेगा। बहरहाल मतदाताओं के मन को छूने के लिए जहां भाजपा ने अपना घोषणा पत्र 'समृद्ध मध्यप्रदेश दृष्टिपत्रÓ जारी किया तो वहीं कांग्रेस ने 'वचन पत्रÓ प्रस्तुत कर प्रदेश की जनता से सेवा का अवसर चाहा है। युवाओं को रिझाने कांग्रेस ने भाजपा से अधिक वादे किये हैं... वादे करें भी क्यों न क्योंकि इस बार प्रदेश के कुल मतदाताओं में युवाओं की तादाद सर्वाधिक है। 57.09 प्रतिशत युवा इस बार मतदान करने को तैयार दिख रहे हैं, जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच की है...! 
जब दृष्टिपत्र पर नजर दौड़ाई जाती है तो पाते हैं कि भाजपा ने पहली बार महिलाओं 
के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी किया है। इसका नाम 'नारी शक्ति संकल्प पत्रÓ दिया गया है। इससे हफ्तेभर पहले कांग्रेस ने वचन पत्र जारी करते हुए घोषणा की कि सरकार बनते हुए किसानों के कर्ज को माफ कर दिया जाएगा। इस प्रकार दोनों ही दलों द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्रों में आज जनता के लिए बड़े-बड़े वादे किये गए हैं। दोनों ही दलों ने किसानों और युवाओं को रिझाने की कोशिश की है। भाजपा ने जहां, सीमांत, लघु किसानों को प्रतिवर्ष बोनस राशि देने की बात कही है वहीं उसने प्रतिवर्ष 10 लाख रोजगार सृजन की भी बात कहकर युवाओं को भी रिझाने का काम किया है। 
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किसकी घोषणाएं कितनी दमदार
कांग्रेस 
किसान : कांग्रेस पर मेहरबान हो सकते हैं 
कांग्रेस ने वचन पत्र में वचन दिया है कि मध्यप्रदेश में सरकार बनते ही सभी किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जायेगा। 5 करोड़ मतदाता वाले राज्य में 88 लाख 72 हजार किसान हैं। यानि 20 प्रतिशत से अधिक वोट किसानों का है। यह सभी किसान कर्ज तले दबे हैं, इसलिए कांग्रेस पर किसान मेहरबान हो सकता है। आखिर कर्ज माफी की दरकार कई वर्षों से यहां के किसानों को जो है। किसान कांग्रेस पर भरोसा इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि कर्नाटक और पंजाब में कांग्रेस ने यह प्रयोग किया और सफलता मिलने पर दोनों ही राज्यों में कर्जमाफी हो चुकी है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की सरकार बनने के दस दिनों के अंदर में किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया है। इसके साथ ही विभिन्न किस्म की फसलों पर बोनस देने का वादा है। बिजली बिल आधा, दूध पर बोनस, डीजल में सब्सिडी देने के लोकलुभावन वचन कांग्रेस ने किए हैं। 

युवा : नौकरी को लेकर विश्वास में युवा
मध्यप्रदेश में व्यापमं भर्ती घोटाले की गूंज इस चुनाव में साफ सुनाई दे रही है। कांग्रेस ने युवाओं से वादा किया है कि सरकार बनते ही व्यापमं को खत्म किया जायेगा, इसकी जगह राज्य कर्मचारी चयन आयोग का गठन किया जायेगा। बेरोजगार युवाओं को 4 हजार रुपये रोजगार ढूंढने के लिए दिया जायेगा। व्यापमं के नाम से युवाओं में रोष है। उनकी नौकरी भ्रष्ट तरीके से किसी अन्य के हाथ में दे दी गई। कांग्रेस ने वादा किया है कि अन्य राज्यों के युवाओं को मप्र में नौकरी नहीं देंगे। इस वादे से युवाओं में उत्साह है क्योंकि अन्य राज्यों के युवा प्रदेश में नौकरी पाते हैं, जबकि मप्र के युवाओं को अन्य राज्यों में उस अनुपात में नौकरी नहीं मिल पाती।


शिक्षा : कन्याओं की संपूर्ण शिक्षा नि:शुल्क 
शिक्षा के मामले में कांग्रेस वचन देती है कि बेटियों की संपूर्ण शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी। सभी महिलाओं को स्मार्टफोन, स्मार्टकार्ड, हेल्थकार्ड दिये जाएंगे। 12वीं में 70 प्रतिशत आने वाले सभी विद्यार्थियों को लैपटॉप, दिया जायेगा। कॉलेज जाने वाली छात्राओं को कम ब्याज दर पर दो पहिया वाहन दिलाए जाएंगे।


राम नाम और गौमाता: भाजपा से एक कदम आगे निकली कांग्रेस
कांग्रेस इस बार सॉफ्ट हिन्दुत्व के साथ जनता के बीच पहुंची है। कांग्रेस ने जतलाया है कि वह भी राम पर विश्वास करती है। इसी परिप्रेक्ष्य में रामपथगम निर्माण की घोषणा वचन पत्र में की गई है। कांग्रेस ने वचन दिया है कि सरकार बनने के बाद चित्रकूट से मप्र की सीमा तक रामपथगमन का निर्माण किया जायेगा। इसके साथ ही गाय के संरक्षण में बड़ा निर्णय लिया गया है। हर ग्राम पंचायत में गौशाला बनाने की बात भी इस वचन पत्र में है।

गरीब : प्लॉट, ढाई लाख रुपये का कानून
प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री संबल योजना का तोड़ निकालने के लिए कांग्रेस ने आवास का अधिकार कानून बनाने की बात कही है। इसके तहत गरीब परिवारों को प्लॉट देना सुनिश्चित किया जायेगा। इसके साथ ही ढाई लाख रुपये भी दिये जाएंगे। गरीबों को रसोई गैस के सिलेंडर में 100 रुपये की छूट दी जाएगी।

रोजगार : 1 लाख रोजगार पर विश्वास
कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को सूचना तकनीक का रोजगार दिया जायेगा। निजी कंपनियां अगर रोजगार देंगी तो उसका 25 प्रतिशत सरकार देगी। यह अनुदान 10 हजार रुपये तक होगा।

उद्योग : स्थानीय लोगों रोजगार, मेड इन मप्र
नई उद्योग नीति बनाने का वादा, जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों के लिए नीति बनाई जाएगी। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में ट्रांसपोर्ट हब। शिक्षित बेरोजगार अजा/अजजा महिला उद्यमियों के लिए औद्योगिक शेड बनाएंगे। भोपाल में सिलिकॉन सिटी। 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले, तकनीकी पदों पर प्रदेश के 60 प्रतिशत युवाओं व गैर तकनीकी पदों पर 100 प्रतिशत नौकरी देने वाले उद्योगों को कम ब्याज पर ऋण एवं जीएसटी छूट। 

खिलाड़ी : 15 हजार महीना सम्मान निधि
खिलाडिय़ों को साधने के लिए कांग्रेस ने विक्रम अवॉर्डियों को जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे उन्हें सरकारी नौकरी दी जाएगी। नौकरी न देने की स्थिति में 15 हजार रुपये प्रतिमाह सम्माननिधि देने का वादा किया गया है। ओलम्पिक स्वर्ण जीतने पर 51 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। 

बुजुर्ग : 1000 पेंशन राशि
60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को 1000 रुपये पेंशन राशि दी जाएगी, वर्तमान में यह राशि महज 300 रुपये है।

नर्मदा : अधिनियम से संरक्षण
कांग्रेस ने वचनपत्र में नर्मदा पर भी दांव खेला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा निकाली गई नर्मदा सेवा यात्रा के सामने दिग्विजय की नर्मदा परिक्रमा की तरह ही पार्टी ने नया वादा किया है। सरकार बनने पर कांग्रेस मां नर्मदा न्यास अधिनियम लाया जायेगा। नया आध्यात्मिक विभाग गठित होगा।

बिजली : 100 यूनिट बिजली 100 रु में
बिजली भी किफायती दर पर देने की घोषणा। 100 यूनिट तक बिजली 1 रुपये के हिसाब से दी जाएगी। यानि 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली दी जाएगी।

राजनीति : विधान परिषद का गठन
कांग्रेस ने वादा किया है कि राज्य में विधान परिषद का गठन किया जायेगा। इसके साथ ही विधानसभा की कार्रवाई का सीधा प्रसारण टीवी के माध्यम से किया जाएगा। 
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भाजपा 

किसान : कर्जमाफी नहीं, बोनस की बात
कांग्रेस की कर्ज माफी का तोड़ भाजपा ने निकाला है। लघु व सीमांत किसान जिनके पास 5 एकड़ तक जमीन है उनके खाते में प्रति क्विंटल के हिसाब से राशि जमा की जाएगी। माना कि किसान के पास दो एकड़ जमीन है और उसमें 30 क्विंटल गेहूं उत्पादन होता है। इस हिसाब से किसान के खाते में 265 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 7950 रुपए सीधे जमा किये जाएंगे। यह राशि तब भी मिलेगी जबकि किसान फसल मंडी में बेचे या कहीं भी बेचे। उत्पादन हो या न हो। यह राशि खाते में जमा की जाएगी। मुख्यमंत्री का दावा है कि प्रदेश में 80 प्रतिशत किसान लघु, सीमांत हैं, जिन्हें इस योजना का व्यापक लाभ मिल पायेगा। 2008 चुनावों में भाजपा ने भी मप्र में कर्ज माफी की घोषणा की थी, लेकिन यह वादा अधूरा साबित हुआ। 

युवा : 10 लाख के दावों पर संशय
दावा किया गया है कि प्रतिवर्ष 10 लाख रोजगारों का सृजन किया जायेगा। इस दावे पर संशय इसलिए है क्योंकि इसके पहले ही केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने रोजगार सृजन पर पिछड़ी हुई हैं। इसके साथ ही प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पीयर रिव्यू पत्रिकाओं में शोध पेपर प्रकाशित करने वाले प्रकाशित करने वाले राज्य के किसी भी निवासी को 10 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जायेगा। कारीगर यूनिवर्सिटी के माध्यम से अकुशल कारीगरों को कुशल बनाया जायेगा। 


शिक्षा : गरीबों को संपूर्ण शिक्षा निशुल्क 
प्रदेश के सभी गरीब परिवारों, चाहे वे सामान्य वर्ग के क्यों न हों, सभी की पहली से लेकर पीएचडी तक संपूर्ण शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी। सभी तरह के संस्थानों में प्रवेश पर यह योजना लागू रहेगी। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना में पुस्तक खर्च, हॉस्टल समेत सभी तरह के खर्च भी सरकार वहन करेगी। विद्यालयों का नवीनीकरण प्रतिवर्ष न कराकर 5 वर्ष में एक बार किया जायेगा। नगरीय क्षेत्र में स्कूलों जमीन की अनिवार्यता में छूट दी जाएगी।

रोजगार : सभी के लिए पढ़ाई-सभी के लिए कमाई
भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में सभी के लिए पढ़ाई-सभी के लिए कमाई योजना शुरू करने का वादा किया है। हर हाथ, एक काज योजना के तहत प्रदेश के हर घर से एक बेरोजगार व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। इसके तहत लोगों को स्वच्छता, वृक्षारोपण, शिक्षा, स्वास्थ आदि के क्षेत्रों से जोड़ा जायेगा। 10 नए इंक्यूबेशन सेंटर बनाए जाएंगे।

खिलाड़ी: स्कूलों में खेल प्रशिक्षक
हम छुएंगे आसमान योजना तैयार की जाएगी जिसके द्वारा खेलों में भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। स्कूलों में शारीरिक प्रशिक्षक नियुक्त किये जाएंगे। सभी स्कूलों में खेल किट प्रदान की जाएंगी। रायसेन में कप्तान रूप सिंह बैंस स्पोटस स्कल खोला जायेगा जहां पर 10 ओलंपिक खेलों के लिए बचपन से ही खिलाडिय़ों को तैयार किया जायेगा। गावों में वेतन देकर युवा समन्वयक नियुक्त होंगे। पुलिस विभाग में खेल प्रतिभा पहचान कार्यक्रम शुरू होगा। 

उद्योग : वही इन्वेस्टर्स समित वाली बात
फरवरी 2019 में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट  आयोजित होगी जिसमें उन्नत मध्यप्रदेश निवेश अभियान की शुरुआत होगी। इसके माध्यम से अगले 5 वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाया जाएगा। कटनी-जबलपुर, ग्वालियर-दतिया, भिंड-मुरैना में डिफेंस क्लस्टर विकासित होंगे। 

सड़क : सड़कों में होगी रफ्तार
प्रदेश में सड़कों की सघनता बढ़ाकर 1300 किमी प्रति 1000 वर्गकिमी किया जायेगा। भारतमाला परियोजना के तहत 2900 किमी नेशनल हाइवे बनाए जाएंगे। 2500 किमी टू लेन हाइवे को 4 लेन में बदलेंगे। 15 हजार किमी बनी मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क को डामरीकृत करेंगे।

बिजली: नया कुछ भी नहीं
किसानों को 12 घंटे बिजली दी जाएगी। 6 घंटे बिजली दिन में। घरेलू बिजली 24 घंटे दी जाएगी। बिजली से मोटर जलने पर किसानों को मुआवजा देने की योजना शुरू करेंगे।

सुशासन:
घर में मिलेंगी सरकारी सुविधाएं
सुशासन की दिशा में बड़ा कदम उठाने की बात दृष्टिपत्र में की गई है। शासकीय सेवाएं घर में ही मिलेंगी। नागरिकों को शासकीय सुविधा लेने के लिए किसी अधिकारी-कर्मचारी के पास नहीं जाना पड़ेगा। सुराज मिशन के तहत एसडीएम गांव-गांव जाकर जन सुनवाई करेंगे। तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से इंटरव्यू खत्म किया जाएगा। वन्य जीव पुलिस स्टेशन खोले जाएंगे जो वन्यजीवों के मामलों को देखेंगे।
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युवा मतदाता 57.09 प्रतिशत (18-40)
आयु    मतदाता    प्रतिशत
18-19    1578167    3.13
20-29    13783383    27.38
30-39    12874974    25.58
40-49    9930546    19.73
50-59    6358853    12.63
60-69    3545733    7.05
70-79    1685339    3.35
80 से ज्यादा    577265    1.15

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किसानों की बारे में...
-मध्य प्रदेश में 88 लाख 72 हजार किसान हैं मध्य प्रदेश में (कैग की रिपोर्ट 2016)
-प्रदेश में अनुमानित एक करोड़ किसान हैं (मध्य प्रदेश शासन 2015-16 की रिपोर्ट)
- 10549.55 करोड़ का ऋ ण बांटा गया 10 फरवरी 2017 तक, सहकारी बैंकों से। (मध्य प्रदेश शासन 2015-16 की रिपोर्ट)
-53 लाख 12 हजार किसानों को के्रडिट कार्ड बाटे गए
- 79 लाख किसानों को लोन देने के लिए बनाया गया है सदस्य
- 28 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन बाटा गया
- 2017-18 में किसानों को शून्य प्रतिशत पर लोन देने के लिए 30 लाख किसानों का लक्ष्य रखा गया है
-2013 में प्रदेश के 27.4 लाख किसानों पर लगभग 10,000 करोड़ का कर्जा था, जो अब करीब 12 हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है
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भाजपा सरकार पर सवाल
उद्योगपतियों का कर्ज माफ, किसानों का नहीं?

17 लाख 15 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया उद्योगपतियों का 
12 लाख 60 हजार रुपये माफ नहीं किये जा रहे किसानों के 
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने राज्यसभा में 16 जून 2016 को बताया, उद्योगों को तीन साल ( 2013-2016) में 17 लाख 15 हजार करोड़ रुपये की टैक्स माफी दी गई। वहीं, कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने नंवबर 2016 में जानकारी दी किसानों पर 12 लाख 60 हजार रुपये का कर्ज है, जिसमें 9 लाख 57 हजार करोड़ रुपये वाणिज्यिक बैंकों द्वारा लिया गया है। सरकार के तथ्यों से साफ है कि किसानों के कुल कर्ज से करीब 15 गुना ज्यादा टैक्स माफी उद्योग जगत को सिर्फ 3 साल में ही दे दी गई। उघोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष टैक्स में अगर कोई माफी सिर्फ 2013 से 2016 के दौरान ना दी गई होती तो उसी पैसे से देशभर के किसानों का कर्ज आसानी से उतारा जा सकता था।
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2008 में भाजपा ने किसानों से बोला झूठ
भाजपा ने 2008 के चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के किसानों का 50 हजार तक का कर्जा माफ करने का वायदा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उस पर अमल नहीं किया गया। सरकार में बैठे लोगों का तर्क था कि घोषणा पार्टी की ओर से की गई थी, इसलिए पार्टी ही योजना बना कर सरकार को देगी, तब केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए की सरकार थी। इसके बाद 2013 के चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों से कई वायदे अपने घोषणा पत्र में किए, लेकिन कर्ज माफी का मुद्दा घोषणा पत्र में जगह नहीं पा पाया। 
(विश्लेषणकर्ता दीपक राय समाचार संपादक के पद पर कार्यरत हैं। वे सोशल मीडिया और राजनीति विषय पर रिसर्च कर रहे हैं . यह लेख कॉपीराइट के आधीन है। कहीं भी प्रयोग करने से पहले लेखक से अनुमति लेना अनिवार्य है।)

Wednesday, February 14, 2018

किसान दुखी न हों, 30 हजार रु हेक्टेयर मिलेगी राहत राशि



दीपक राय, भोपाल....

  • मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में की उच्च-स्तरीय बैठक, फसल नुकसानी का तत्काल सर्वेक्षण के निर्देश
  • 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें तबाह
  • कृषि बीमा की राशि के अलावा भी देंगे राहत राशि
  • दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री, सूखे का 2800 करोड़ का पेकैज मांगा
  • ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का पारदर्शिता से होगा आंकलन
  • सर्वेक्षण दल नुकसान का आकलन करेंगे और पंचायतों में लिस्ट चस्पा की जाएगी
  • आकलन पर किसी को आपत्ति होती है तो तत्काल सुधार भी किया जाएगा


 प्रदेश के अधिकांश जिलों में ओलों व बेमौसम बारिश के कारण फसलें तबाह हो गई हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री ने निवास पर उच्च-स्तरीय आपात बैठक बुलाकर ओला प्रभावित क्षेत्रों में हुए फसल नुकसान की जानकारी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद किसानों के खेतों में पहुंचे और उन्हें तत्काल राहत देने की घोषणा की। शिवराज सिंह ने ओला प्रभावित किसानों से अपील की है कि वे संकट के समय किसी प्रकार की चिंता नहीं करें, फसल नुकसान की पूरी भरपाई सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों के नाम एक अपील भी जारी की। शिवराज ने कहा कि असमय फसल को नुकसान होता है तो जीवन प्रभावित होता है। बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है, लेकिन चिंता करने और शोक मनाने की जरूरत नहीं है। राहत की राशि और फसल बीमा की राशि मिलाकर फसल नुकसान की पूरी भरपाई कर दी जायेगी। संकट के समय सरकार हर पल किसानों के साथ है। किसानों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं उठाने देंगे। किसान भाई अपने चेहरों पर उदासी नहीं लायें। उन्हें दुखी होने की जरूरत नहीं है।

13 जिलों में भारी नुकसान
सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट में सबसे अधिक नुकसान
तत्काल कराए गए सर्वे के मुताबिक 13 जिलों के 621 गांवों में ओला-वृष्टि से नुकसान हुआ है। भोपाल, विदिशा, सीहोर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, देवास एवं होशंगाबाद जिलों में भी ज्यादा नुकसान की जानकारी है।

यह कर्मचारी करेंगे जमीनी सर्वे
मुख्यमंत्री ने पटवारी, ग्राम सेवक, कृषि विभाग के मैदानी अमले और जन-प्रतिनिधियों का दल बनाकर तत्काल फसल नुकसान का सर्वे कार्य शुरू करने के निर्देश दिये हैं।

किसानों के खेतों में पहुंचे मुख्यमंत्री 
मुख्यमंत्री सीहोर जिले की नसरुल्लागंज तहसील पहुंचे यहां पर ओला-वृष्टि प्रभावित पिपलानी, किशनगंज, बाईंबोडी, इटावा खुर्द, चीचली, बोरखेड़ा और जाट मुहाई पहुंचे और खेत मे जाकर फसलों के नुकसान का जायजा लिया।

30 हजार रुपये हेक्टेयर राहत राशि, बीमा की रकम अलग से मिलेगी
मुख्यमंत्री ने सीहोर में घोषणा की कि आपदा से प्रभावित कृषकों को फसल बीमा राशि तो मिलेगी ही, इसके साथ ही 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर राहत राशि भी दी जाएगी। कर्ज वसूली स्थगित की जाएगी, ब्याज की शासन द्वारा प्रतिपूर्ति, खाद-बीज के लिये शून्य प्रतिशत पर कर्ज तथा कन्या का विवाह घर से करने पर भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का लाभ दिया जाएगा।


मोदी सरकार के पास पहुंचे शिवराज, सूखे का 2800 करोड़ का लंबित पैकेज मांगा
नई दिल्ली, ईएमएस। एक और प्रदेश में रबि की फसल तबाह हो गई है वहीं कई महीने पहले सूखे से भी प्रदेश को भारी नुकसानी हुई थी।  वह पैसा अब भी केंद्र की मोदी सरकार ने जारी नहीं किया है। इस कारणअभी तक किसानों को खरीफ की वह राहत राशि नहीं मिल पाई है। केंद्र में मप्र का 2800 करोड़ रुपए का सूखा राहत का पैकेज भी अटका पड़ा है। इस पेकैज को मांगने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली पहुंचे और वित्त मंत्री अरुण जेटली एवं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने वित्तमंत्री से सूखा राहत की केन्द्र में लम्बित 28 सौ करोड़ की राशि शीघ्र जारी करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी, 5384 करोड़ की नाबार्ड रिफाइनेंस की राशि के विषय पर भी केन्द्रीय वित्त मंत्री से चर्चा की। साथ ही भावांतर भुगतान योजना की 50 फीसदी राशि देने की भी मांग की है। भावांतर के तहत किसानों को अपने संसाधनों से बांटे जा चुके 19 सौ करोड़ रुपए मेें से आधी राशि तत्काल देने की मांग की है। भावांतर भुगतान योजना केन्द्र और राज्य के सहयोग से चलाये जाने वाली योजना है, जिसमें केन्द्र और राज्य का 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।