सड़क पर पड़ी प्रसूता महिला |
रायसेन जिले के बाढ़ेर गांव में 7 बहनों को एक भाई मिला। माजरा यह है कि गांव की काशीबाई की उम्र 32 साल है, पहले ही उनकी 7 बेटियां हैं 27 मार्च को इन 7 बहनों को एक भाई भी मिल गया, लेकिन बड़ी कठिनाई से। विदिशा से पास होने के कारण काशीबाई को प्रसव के लिए अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन बच्चे के पैदा होने को जैसे ग्रहण लग गया हो। विदिशा में इतनी सुरक्षा व्यवस्था थी, मानो ऐसा लग रहा था कि कंस का पहरा हो। चारों तरफ पुलिस वाले। काशीबाई की सास, पति आटो से प्रसूता को अस्पताल ले जा रहे थे कि ‘बदनाम’ पुलिस ने आटो रोक दिया। पति, सास ने लाखों मिन्नतें की साहब हमारी बहू को बच्चा होने वाला है, अस्पताल जाने दो। लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें अस्पताल नहीं जाने दिया, जबकि पुलिस वाले प्रसूता को तड़पते देख रहे थे। भगवान न करे कि उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद पुलिस वालों की बीबी, बेटी, के साथ भी ऐसा हो। क्योकि प्रसव पीड़ा वे पुलिस वाले क्या जानें यह तो एक मां बनने वाली महिला ही जान सकती है। पुलिस वाले चाहते तो आटो को अस्पताल जाने दे सकते थे। अगर उन्हें शहर आ रहे नेताओं की इतनी ही चिंता थी तो उन्होंने यह क्यों नहीं सोचा कि मुख्यमंत्री खुद चाहते हैं कि हर प्रसव अस्पताल में सुरक्षित रूप से हो। खैर ऐसे पुलिस वालों ने ही पुलिस को बदनाम किया है। यह मामला विधानसभा में भी उठा। इस मामले पर कार्रवाई होना लाजिमी है।
खबर इस प्रकार है-
विदिशा में प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक महिला को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने मात्र 200 मीटर दूर अस्पताल तक नहीं पहुंचने दिया। खुद प्रसूता, उसकी सास व पति पुलिसवालों के सामने खूब गिड़गिड़ाए लेकिन वे नहीं पसीजे। करीब आधा घंटे तक तड़पने के बाद उस महिला की चौराहे पर ही डिलीवरी हो गई। दरअसल, रविवार को विदिशा में अंत्योदय मेले में शिवराजसिंह चौहान, सांसद सुषमा स्वराज, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा सहित दर्जनों नेता शहर में आने वाले थे, इसलिए रास्तों पर कड़ी सुरक्षा की गई थी। पुलिस वाले इनकी सुरक्षा में तैनात थे। उसी समय रायसेन के ग्राम बाढ़ेर निवासी प्रहलाद सिंह अहिरवार अपनी 32 वर्षीय पत्नी काशीबाई को ऑटोरिक्शा से जिला अस्पताल ले जा रहा था। नीमताल चौराहे पर खड़े पुलिस जवानों ने उसे रोक लिया। प्रहलाद व उसकी मां कस्साबाई ने पुलिसवालों को प्रसूता की हालत के बारे में बताया लेकिन उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। |