महीने 8, डॉ. मोहन
यादव की नहीं कोई काट
डॉ. दीपक राय, मीडिया
गैलरी, भोपाल, 15 अगस्त 2024
हमारे यहां एक कहावत
है—
'8 (आट) की नहीं काट'। मुझे यह कहावत इसलिए याद आ गई क्योंकि 13 अगस्त 2024 को मध्य
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पदभार ग्रहण किये 8 महीने हो गए हैं। उन्हें
कामकाज करने के लिए सिर्फ सवा 5 महीने ही मिले हैं क्योंकि 13 दिसंबर 2023 को शपथ के
बाद 16 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई, जो 6 जून को समाप्त
हुई।
इन 8 महीनों में डॉ.
मोहन यादव ने शासकीय कामकाज के अलावा राजनीतिक परिपक्वता का जो उदाहरण दिया है, उसका
कोई काट नहीं है।
राजनीतिक सफलता
राजनीतिक सफलता की
बात करें तो लोकसभा की सभी 29 की 29 सीटें केंद्र को भेंट कर दिया, छिंदवाड़ा जिले
की अमरवाड़ा विधानसभा में भाजपा का कमल खिला दिया। एक दिन में 3—3 जिलों में यात्राएं
कीं। मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार झारखंड सहित दर्जनों राज्यों में वे
स्टार प्रचारक बनकर गए, उनमें से अधिकांश सीटें भाजपा जीती भी। 71 दिनों के चुनाव के
दौरान डॉ. मोहन यादव ने राजनीतिक कुशलता का परिचय दिया है। उन्होंने 180 से अधिक जनसभाओं
को संबोधित किया, 47-48 डिग्री तापमान में मोहन यादव ने उर्जा के साथ रोड शो किया।
सीएम ने 58 रोड शो किए, देश के 12 राज्यों की 72 लोकसभा सीटों पर 'दमदार' प्रचार किया।
वे मध्य प्रदेश के हर संभाग तक पहुंचे, अधिकांश जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक
की। डॉ. मोहन यादव ने समन्वय की राजनीति के नए युग का सूत्रपात किया। इस लोकसभा चुनाव
के दौरान भाजपा की सदस्यता लेने वाले अन्य दलों के नेताओं की संख्या ने भी नया इतिहास
रच दिया। डॉ. मोहन यादव के फैसलों की तारीफ सिर्फ आरएसएस, भाजपा ही नहीं, विपक्ष के
नेता भी करते दिख रहे हैं।
शासकीय कामकाज
सरकार से शुसासन की
शुरुआत करने वाले डॉ. मोहन यादव ने शासकीय कामकाज में परिपक्वता को जो उदाहरण पेश किया
है, इसके पहले के कोई भी मुख्यमंत्री इतने कम समय में नहीं कर पाया। पूर्व की सरकारें
मंत्रियों पर करोड़ों रुपये खर्च करती थीं। लेकिन अब मंत्रियों का इनकम टैक्स अब मंत्री
भरेंगे, डॉ. मोहन के फैसले ने जनता का मन मोहन लिया।
धार्मिक स्थलों के
लाउड स्पीकरों को उतारने का आदेश, खुले में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा है।
इंदौर हुकुमचंद मिल
के 4 हजार 800 मजदूरों को अधिकार दिलाना हो या पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना
का समझौता हो। मोदी सरकार द्वारा 10 हजार करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाओं, 24 हजार
500 करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट मिला है।
पहले प्रापर्टी खरीदी
बिक्री में रजिस्ट्री के बाद नामांतरण जटिल प्रक्रिया थी। दो महीने से ज्यादा समय
लगता था, भ्रष्टाचार से अलग परेशान होना पड़ता था। लेकिन डॉ. मोहन यादव द्वारा शुरू
की गई साइबर तहसील से रजिस्ट्री के तत्काल बाद अपने आप नामांतरण, सीएम डॉ. मोहन यादव
की उस प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रही है, जिसमें उन्होंने शपथ ग्रहण करने के बाद
पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा था — 'सुशासन सिर्फ कहने की चीज न हो, मध्य प्रदेश की
जमीन पर सुशासन दिखना भी चाहिए, मैं ऐसा काम करना चाहता हूं।' 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी 'विकसित भारत, विकसित मध्य प्रदेश' कार्यक्रम में साइबर तहसील
परियोजना की तारीफ भी कर चुके हैं।
ग्वालियर एयरपोर्ट
का शुभारंभ, "पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा, पीएम श्री एयर एंबुलेंस सेवा विकास
की नई कहानी लिख रही है।
कुछ दिनों पहले आए
मप्र के बजट 2024-25 में मुख्यमंत्री ने विकास का विजन दिखाया है। बजट में विकास का
रोड मैप औद्योगिक विकास और कृषि के माध्यम से दिखाया गया है। प्रदेश में इंडस्ट्री
कैसे आकर्षित हों? इसके लिए 6 एक्सप्रेस-वे भारत विकास पथ, नर्मदा प्रगति पथ, बुंदेलखंड
विकास पथ, अटल प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस वे और मालवा-निमाड़ विकास पथ का रोड मैप
सामने आया है।
निवेश
प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री
कॉन्क्लेव का नवाचार हुआ है। उज्जैन, जबलुपर के बाद अब ग्वालियर में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
ने प्रदेश में औद्योगिक विकेंद्रीकरण का मॉडल पेश किया है। निवेशकों के साथ मुंबई,
कोयंबटूर, बैंगलुरू का इंटरैक्टिव सेशन के बाद प्रदेश में तकनीकी कंपनियों ने हजारों
करोड़ रुपये के निवेश के लिए अनुबंध किया है। यह राज्य में डिजिटल इंडिया के उद्योगिक
विकास का परिचायक है। आशा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के भागीरथी
प्रयास 'इन्वेस्ट मध्यप्रदेश : रोड टू जीआईएस 2025' के लिए शुभंकर साबित होंगी? 7-8 फरवरी 2025 को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स
समिट में निवेश को लेकर नया कीर्तिमान रचा जा सकेगा।
'4 वीआईपी और 4 जातियां'
'4 वीआईपी और 4 जातियां' गरीब, किसान, युवा और नारी के कल्याण के का रोड़ मैप अभी सामने आना बाकि है।
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