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Dr. Deepak Rai Mohan Yadav Article |
मध्यप्रदेश विकास और जनकल्याण की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है आगे
विशेष टिप्पणी
डॉ. दीपक राय
मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने अपना बजट प्रस्तुत किया है। इसमें गांव, गरीब सहित सभी वर्गों के लिए व्यवस्थित योजना से मध्यप्रदेश विकास और जनकल्याण की झलक दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। इस बजट में यह बात भी इंगित हुई है। बजट 2025-26 इसी संकल्प की प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम दिखता है। डॉ. मोहन यादव सरकार ने 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया। यह बजट प्रावधान विगत वर्ष 2024-25 की अपेक्षाकृत 15 प्रतिशत अधिक है। कोई टैक्स नहीं लगाया गया है और न ही कोई कटौती की गई है। मुख्यमंत्री का कहना है कि नई सरकार बनते ही अगले 5 साल में बजट को दोगुना करने का लक्ष्य तय कर लिया गया था। बजट में राज्य के गरीब, युवा, अन्नदाता किसान और नारी (ज्ञान) सहित सभी वर्गों की बेहतरी के संकल्प को पूरा किया गया है। वर्ष- 1956 में मध्यप्रदेश का गठन हुआ, लेकिन वर्ष 2003-04 तक मात्र 20 हजार करोड़ रुपये का बजट था, अब इसे 21 गुना बढ़ाते हुए सरकार 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। मध्यप्रदेश, भारत के सभी राज्यों में सबसे तेज गति से बढ़ने वाला प्रदेश बनेगा, ऐसा इस बजट में परिलक्षित हुआ है। यह, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा (वित्त) का सर्व-व्यापक, सर्व-स्पर्शी, सर्व-समावेशी बजट है। सरकार, प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष@2047 तक 2 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 250 लाख करोड़) बनाने की बात कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी के संकल्पों के आधार पर राज्य सरकार का यह दूरदर्शी बजट सशक्त-समृद्ध-शक्तिशाली और खुशहाल मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है। बजट में महिलाओं, गरीब, किसान, अनुसूचित जाति और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए विशेष कदम उठाए गये हैं।
मैं बजट के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करना चाहूंगा।
यह बजट अनुमानित राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4 प्रतिशत अनुमानित रखते हुए वर्ष 2029-30 तक बजट के आकार एव प्रदेश की जीएसडीपी को दो गुना करने के लक्ष्य पर केन्द्रित है। कुल विनियोग की राशि 4,21,032 करोड़ रुपए है, जो विगत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। अनुमानित राजस्व प्राप्तियां 2,90,879 करोड़ रुपए है, जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 1,09,157 करोड़ रुपए, केन्द्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 1,11,662 करोड़ , करेत्तर राजस्व 21,399 करोड़ रुपए और केन्द्र से प्राप्त सहायता अनुदान 48,661 करोड़ रुपए शामिल हैं । वर्ष 2025-26 में वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान की तुलना में राज्य के कर राजस्व में 7 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। वर्ष 2025-26 में वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान की तुलना में पूंजीगत परिव्यय में लगभग 31 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। बजट में राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई गई हैं। नीति आयोग द्वारा जारी राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक प्रतिवेदन में राज्य को व्यय की गुणवत्ता में प्रथम स्थान दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में राज्य की इस उपलब्धि का उल्लेख किया है। आपको बता दूं - वर्ष 2025-26 के बजट में विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले व्यय के प्रतिशत में सर्वाधिक 17 प्रतिशत अधोसंरचना क्षेत्र के लिए प्रावधान है। अधोसंरचना क्षेत्र में वर्ष 2025-26 में विगत वर्ष 2024-25 की तुलना में 31 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
राज्य शासन महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध दिखाई दी है। 6 वर्षों में जेण्डर बजट का आकार दोगुना हुआ है। कृषि और संबद्ध क्षेत्र में, विगत 6 वर्षों में दोगुना से अधिक की वृद्धि हुई है। विगत 6 वर्षों में बाल-बजट का प्रावधान दोगुना से अधिक हुआ। नारी सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़ा ऐलान हुआ हैं। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में 18,669 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 1,183 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता के अंतर्गत 720 करोड़ रुपए का प्रावधान है। जल जीवन मिशन नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वॉटर मिशन में 17,136 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
किसानों के लिए कई प्रयास इस बजट में दिखते हैं। अटल कृषि ज्योति योजना में 13,909 करोड़ रुपए का प्रावधान है। प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के अंतर्गत 447 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 5,220 करोड़ रुपए का प्रावधान है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2,001 करोड़ रुपए का प्रावधान है मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना के अंतर्गत 1,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस भुगतान के अंतर्गत 1,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत 850 करोड़ रुपए का प्रावधान है। गौ-संर्वधन एवं पशुओं का संवर्धन के अंतर्गत 505 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
गरीब कल्याण के लिए विशेष पहल की गई हैं। अटल गृह ज्योति योजना में 7132 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल द्वारा 5 एच.पी. के कृषि पम्पों तथा एक बत्ती कनेक्शन को निःशुल्क विद्युत प्रदाय के लिए प्रतिपूर्ति के अंतर्गत 5299 करोड़ रुपए का प्रावधान शामिल हैं । मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में 700 करोड़ रुपए का प्रावधान है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के अंतर्गत 1,277 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। पीएम जनमन योजना (आवास) के अंतर्गत 1,100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
युवा कल्याण की दिशा में बड़े प्रावधान इस बजट में हैं। निवेश प्रोत्साहन योजना में 2,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन व्यवसाय निवेश संवर्धन/सुविधा प्रदाय योजना के अंतर्गत 1,250 करोड़ रुपए का प्रावधान है। व्यावसायिक प्रशिक्षण का सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के अंतर्गत 902 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसबजट में हर वर्ग का कल्याण समाहित है। बजट में अनुसूचित जनजाति (उप योजना) के लिए 47,296 करोड़ रुपए (23.5 प्रतिशत) है। अनुसूचित जाति (उप योजना) के लिए 32,633 करोड़ रुपए (16.2 प्रतिशत) है। स्वशासी तकनीकी संस्थाओं को सहायता के अंतर्गत 247 करोड़ रुपए का प्रावधान है। पॉलीटेक्निक संस्थाएं के अंतर्गत 232 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना के अंतर्गत 150 करोड़ रुपए का प्रावधान है। खेलो इंडिया एम.पी. के अंतर्गत 180 करोड़ रुपए का प्रावधान है। खेल अकादमियों की स्थापना के अंतर्गत 170 करोड़ रुपए का प्रावधान है। स्टेडियम एवं खेल अधोसंरचना निर्माण के अंतर्गत 159 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
प्रदेश में आई.टी. पार्क की स्थापना के अंतर्गत 129 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसके अलावा आध्यात्मिक धार्मिक सांस्कृतिक मदों के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है। सिंहस्थ-2028 के अंतर्गत 2,005 करोड़ रुपए का प्रावधान है। वेदान्त पीठ की स्थापना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है। सी.एम. राइज के अंतर्गत 4,686 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मेट्रो रेल के अंतर्गत 850 करोड़ रुपए का प्रावधान है। कर्मचारियों के हितलाभ का भी ख्याल रखा गया है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शासकीय सेवकों को वर्तमान में देय भत्तों का पुनरीक्षण, 1 अप्रैल, 2025 से 7वें वेतनमान के सुसंगत स्तरों के अनुसार किया जाएगा। इस वर्ष से लोक कल्याणकारी योजनाओं को प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। श्रीकृष्ण पाथेय के लिए 10 करोड़ प्रावधान है। मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना के लिए 850 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान है। अविरल निर्मल नर्मदा के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान है। गीता भवन के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है। सी.एम. युवाशक्ति योजना में 25 करोड़ रुपए का प्रावधान है। देवी अहिल्याबाई कौशल विकास कार्यक्रम में 25 करोड़ रुपए का प्रावधान है। कामकाजी महिलाओं के लिये छात्रावास निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री समग्र परिवार समृद्ध योजना के अंतर्गत 125 करोड़ रुपए का प्रावधान है। निजी निवेश से संपत्ति का निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार सभी क्षेत्रों में समान रूप से आगे बढ़ रही है। कृषकों की आय बढ़ाने के लिए गोपालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। गावों और शहरों में सुगम परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए बजट में विशेष व्यवस्था कीगई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत दी गई सौगातों से प्रदेश एक लाख हेक्टेयर में सिंचाई के लक्ष्य को प्राप्त करेगा।
कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रारंभिक तौर पर बजट में कई बड़े और अच्छे ऐलान किए गए हैं। इसके परिणाम आने वाले दिनों में जमीनी तौर पर दिखाई दे सकते हैं।
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