Monday, March 24, 2025

डॉ. मोहन यादव कर रहे धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक गौरव की पुनर्स्थापना

 







ईमानदारी और दमदारी के साथ पेश किया 'विकसित मध्यप्रदेश @2047' का खाका

बजट 2025-26 विश्लेषण

डॉ. दीपक राय, भोपाल,

9424950144


मध्यप्रदेश के इतिहास में अब तक जो नहीं हुआ, वह 12 मार्च 2025 को घटित हुआ है। पहली बार किसी सरकार और मुख्यमंत्री ने खुलकर संस्कृति, धर्म-आध्यात्म के साथ विकास को रफ्तार देने का खाका पेश किया। मध्यप्रदेश सरकार के बजट में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ईमानदारी के साथ दमदारी दिखाकर 'विकसित मध्यप्रदेश @2047' के निर्माण की संकल्पना प्रस्तुत की है। इस बजट के विश्लेषण के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत @2047' के संकल्प के लिए मध्यप्रदेश की यह बड़ी आहुति है। ऐसा लगा है जैसे मुख्यमंत्री के भेष में कोई धर्मपुरुष अपने देश, अपने प्रदेश की गौरवशाली धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत की पुनर्स्थापना करने का संकल्प ले लिया है। 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ के इस बजट में प्रदेश के हर गांव, शहर के विकास के प्रावधान किये गए हैं। लेकिन बइस बार सांस्कृति, धार्मिक, आध्यात्मिक महत्व पर पर डॉ. मोहन यादव का विजन स्पष्ट रूप से सामने आया है। महाकाल की नगरी के पुत्र और मध्यप्रदेश के 'सेवक धर्मपुत्र' डॉ. मोहन यादव कितनी दमदारी से निर्णय लेते हैं! इस बजट में स्पष्ट हो गया है।

बजट में सिंहस्थ, श्रीकृष्ण पाथेय, राम गमन पथ, गीता भवन, वृंदावन ग्राम योजना जैसे ऐसे नवाचार दिखे हैं, जो पहले कभी सरकारों ने नहीं किये।

वर्ष 2028 में आ रहे सिंहस्थ कुंभ की तैयारी के लिए इस वर्ष 2 हजार 5 करोड़ रुपये का प्रावधान एक क्रांतिकारी कदम है। राम पथ गमन योजना के लिए भी 30 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है। इस राशि से श्रीराम जी के वन गमन पथ अंचल का विकास तथा धार्मिक नगरी चित्रकूट का विकास किया जाएगा। श्रीकृष्ण पाथेय के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान है। गीता भवन और वृंदावन ग्राम योजना के लिये 100-100 करोड़ रुपये तय किये गए हैं।

गीता भवन बनाने और वहां पर पुस्तकालय, ई लायब्रेरी, सभागार बनाने से हमारी नई पीढ़ी भारत की गौरवशाली धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा से परिचित हो सकेेगी। वेदान्त पीठ की स्थापना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है। पशुपालकों के लिए सरकार ने बड़ा दिल दिखाया है। मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना के लिए बजट में 50 करोड़ रुपए दिये गए हैं। गौ संर्वधन एवं पशुओं का संवर्धन के अंतर्गत 505 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।  नर्मदा नदी को अविरल बनाए रखने के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक यात्राएं करवाने के लिए भी सरकार ने दिख खोलकर पैसा दिया है। यह दिलचस्प बात है कि प्रदेश में अब तक 8 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरीक इस योजना के तहत तीर्थ यात्रा पर जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई GYAN (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारीशक्ति) की अवधारणा इस बजट में स्पष्ट दिखाई दी है।

नारी सशक्तिकरण : मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 18,669 करोड़ रुपए, लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 1,183 करोड़, मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता के अंतर्गत 720 करोड़,जल जीवन मिशन नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वॉटर मिशन में 17,136 करोड़ रुपए का प्रावधान।

अन्नदाता (किसान) : अटल कृषि ज्योति योज‌ना में 13,909 करोड़ रुपए का प्रावधान, प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के अंतर्गत 447 करोड़, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 5,220 करोड़, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2,001 करोड़, मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना के अंतर्गत 1,000 करोड़, समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस भुगतान के अंतर्गत 1,000 करोड़,  मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत 850 करोड़, गौ-संर्वधन एवं पशुओं का संवर्धन के अंतर्गत 505 करोड़ रुपए का प्रावधान।

गरीब कल्याण : अटल गृह ज्योति योजना के लिए 7132 करोड़ रुपए, 5 एच.पी. के कृषि पम्पों तथा एक बत्ती कनेक्शन को निःशुल्क विद्युत प्रदाय के लिए प्रतिपूर्ति के अंतर्गत 5299 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में 700 करोड़, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के अंतर्गत 1,277 करोड़, पीएम जनमन योजना (आवास) के अंतर्गत 1,100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

युवा कल्याण : निवेश प्रोत्साहन योजना में 2,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन व्यवसाय निवेश संवर्धन/सुविधा प्रदाय योजना के अंतर्गत 1,250 करोड़, व्यावसायिक प्रशिक्षण का सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के अंतर्गत 902 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संस्कृति, आध्यात्म और धर्म के रास्ते विकास का नया मॉडल प्रस्तुत है। हालांकि कुछ लोगों को इस बजट से 'ईर्ष्या' हो सकती है, लेकिन इसका वैज्ञानिक तथ्य को समझना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) कहता है कि जो व्यक्ति सामाजिक आध्यात्म नहीं मानता, वह स्वस्थ व्यक्ति की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। ऐसे लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि डॉ. मोहन यादव की सरकार ने जो 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया है, उसमें कई जनकल्याणकारी प्रावधान हैं। 

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