मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कितना सफर तय किया है?
विशेष लेख
डॉ. दीपक राय, भोपाल
दैनिक मीडिया गैलरी
25 मार्च 2025
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Dr. Deepak Rai Article for CM Dr. Mohan Yedav |
मध्यप्रदेश के फुर्तीले, फिट, युवा, हंसमुख, सौम्यता से भरे, 13 चुनाव लड़कर अपराजेय रहने वाले, सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आज जन्म दिन है। देश का एकमात्र चीता स्टेट मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी चीते की रफ्तार से सफर तय कर रहे हैं। कुछ लोग यह पढ़कर सोचेंगे कि मैं अतिशयोक्ति के साथ लिख रहा हूं। तो फिर चलिए, आपको प्रमाण भी दिये देते हैं। 13 दिसंबर 2023 को शपथ लेने के बाद क्या आपने ऐसा एक भी दिन देखा है कि जब डॉ. मोहन यादव ने छुट्टी ली हो? संवेदनशीलता की पराकाष्ठा देखिए जिस दिन उज्जैन में उनके पिता पूनम चंद यादव आखिरी सांसें ले रहे थे, तब भी डॉ. मोहन भोपाल के मंत्रालय में काम कर रहे थे। यह कोई संयोग नहीं था, यह तो जीवन का प्रयोग था। समाज के लिए काम करने की यह जीवटता खुद पूनम चंद यादव ने अपने मोहन यादव को विरासत में सौंपी थी। 'काम करते रहो, जो दायित्व मिला है, उसे पूरा करो। आखिरी समय में सामने आईं पिता-बेटे के बीच हंसी-ठिठौली में भी पिता ने बेटे से कहा था- चलो जाओ अपना काम करो।' दायित्व के प्रति जुनूनी डॉ. मोहन यादव ने एक वर्ष तीन महीने 12 दिन के छोटे से कार्यकाल में कम कीर्तिमान नहीं रचे हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव खुद तो सुबह से लेकर देर रात तक काम करते ही हैं, साथ ही साथ अपनी सरकार के मंत्रियों और विधायकों से भी खूब काम करवाते हैं। कल ही समाप्त हुए बजट सत्र के दौरान दो बार कैबिनेट हुई हैं। एक बार तो दिनभर विधानसभा की कार्यवाही, रात में कैबिनेट बैठक हुई। कर्त्तव्य पथ पर चलने का नया उदाहरण है। एक साल के संक्षिप्त कार्यकाल में तीन देशों की निवेश यात्रा हो, या फिर हर संभाग में रीजनल इन्वेस्टर्स समिट। फिर भोपाल भी तो पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का साक्षी बना है।
प्रदेश को सबसे बड़ी राशि वाला बजट मिला है। दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाले जीव चीता मध्यप्रदेश में फल फूल रहे हैं। डॉ. मोहन यादव भी तो चीता की तरह की रफ्तार से दौड़कर कामकाज कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन '4 वीआईपी और 4 जातियां' को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने मिशन बना लिया है।
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Dr. Mohan Yadav Historical Photo |
उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए और उससे भी पहले यूडीए, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग में रहकर कई ऐसे निर्णय लिये हैं, जो बदलाव की बयार लेकर आए हैं। एक वर्ष में उन्होंने ऐसे कई क्रांतिकारी निर्णय लिए हैं, जो पूर्व की सरकारों ने कभी इतनी तेजी से नहीं लिये। सुशासन के लिए साइबर तहसील हो या हुकुमचंद मिल विवाद निपटारा या फिर नदी जोड़ो परियोजना। डॉ. मोहन यादव ने फ्यूचर रेडी मध्यप्रदेश की नींव रख दी है। विकास की इमारत दिखने में थोड़ा समय जरूर लग सकता है। उन्होंने इतने कार्य किये हैं कि सबकुछ जानने के लिए आपको मेरी किताब 'MY मध्यप्रदेश' पढ़नी होगी।
यह तो महज मील का एक पत्थर है, लेकिन मोहन यादव के लिए मंजिल पाने की राह उतनी भी आसान नहीं है। जैसे भारत में चीता प्रोजेक्ट कई चुनौतियां के वाबाजूद आज फल फूल रहा है। ऐसे ही राजनीति में चमकने के लिए डॉ. मोहन यादव के लिए यह साल परीक्षा की घड़ी होगा। इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में डॉ. मोहन यादव पिछड़ा वर्ग और यादव समाज के लिए देश का सबसे बड़ा चेहरा होंगे। बिहार में लालू प्रसाद यादव की आरजेडी और उत्तर प्रदेश में सपा के अखिलेश यादव का गढ़ ढहाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खाटू, अनुशासित कार्यकर्ता डॉ. मोहन यादव के जिम्मे है। बिहार में सफलता मिली तो मोहन यादव भाजपा नेतृत्व के सबसे बड़े राजनीतिक चहरों में एक होंगे। वे यह करने में सक्षम भी हैं क्योंकि
चुनावी और राजनीतिक रणनीति बनाने में वह माहिर दिखते हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का छिंदवाड़ा का किला ढहाकर सभी 29 सीटें जिता चुके हैंं। हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा में प्रचार करके भाजपा की सरकार बनवाने में अहम भूमिका अदा की। जम्म-कश्मीर में भाजपा को जबरदस्त बढ़त दिलाई। हरियाणा में तो गृहमंत्री अमित शाह के साथ डॉ. मोहन को सीएम चुनने के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया था। यह मोहन यादव के बढ़ते कद की निशानी है। अब, बिहार एक निर्णायक मील का पत्थर साबित होगा। देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले पिछड़ा वर्ग के लिए डॉ. मोहन यादव सबसे बड़ा चेहरा बन सकते हैंं। मोहन की मंजिल उन्हें कहां ले जाएंगी, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन अब तक के कार्यकाल को देखने के बाद मैं इन पंक्तियों के साथ अपनी बात खत्म करना चाहूंगा...
कर्म की कलम से जिसने
खुद लिख्खी तकदीर,
इंसानियत जिसका धर्म,
सेवा उसकी आस्था,
शिक्षा का परचम थाम,
जिसने हर लक्ष्य को साधा।
महाकाल के भाल पर
गौरव तिलक लगाने वाला।
वो है ऐसा कर्मवीर...
वो है डॉ. मोहन यादव...
मुख्यमंत्री जी आपको जन्म दिवस शुभ हो... आप निरंतर प्रगति करें।
(लेखक डॉ. दीपक राय "MY मध्यप्रदेश", "सोशल मीडिया राजनीति और समाज" पुस्तक के लेखक हैं, 16 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।)
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