Sunday, July 30, 2023

पुलिस को क्यों नहीं मिलता साप्ताहिक अवकाश

 पुलिस की किस्मत में काम और तनाव आता है, छुट्टी नहीं


डॉ. दीपक राय, विशेष लेख


भोपाल। मध्य प्रदेश की पुलिस के मन में एक बार फिर उम्मीद जागी है। 24 घंटे सातों दिन काम करने वाली पुलिस को साप्ताहिक अवकाश देने का ऐलान किया गया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस 'पुलिस परिवार समागम' कार्यक्रम के दौरान की है। मुख्यमंत्री ने कहा— सभी पुलिसकर्मियों के लिए रोटेशन से साप्ताहिक अवकाश सुनिश्चित किया जाएगा। यह सुनते ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के परिजनों तालियां बजा दीं, लेकिन अधिकांश पुलिस वाले शांत की दिखे। शायद उन्हें मालूम है कि उनके नसीब में काम और तनाव ही आना है, अवकाश नहीं। एक आईपीएस अधिकारी ने मुझसे बात करते हुए कहा कि अवकाश की बात सुनकर भले अच्छा लगे, लेकिन इसे जमीन पर उतारने के लिए सरकार और खुद पुलिस विभाग ने वह कोशिशें नहीं कीं, जो की जानी चाहिए। छुट्टी न मिलने से पुलिसकर्मी और अधिकारी अवसाद में जा रहे हैं, वे कई गंभीर ​बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पारिवारिक तानाबाना भी बिगड़ रहा है। सरकार द्वारा कराए गए कई अध्ययनों में भी यह बात साबित हो चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने गृहमंत्री रहते साल 2014 में पुलिसकर्मियों को महीने में एक अवकाश देने का ऐलान किया था। लेकिन उन्होंने कोई भी आधिकारिक पत्र पुलिस मुख्यालय को नहीं भेजा था। तब भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही थे। साल 2016 में तत्कालीन गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस कर्मियों को मासिक और फिर साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा की थी। उन्होंने इसके लिए पुलिस एक्ट में बदलाव की बात भी कही थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। तत्कालीन पुलिस महानिदेशक डीजीपी ऋषि शुक्ला ने 13 दिसंबर 2016 को तनाव मुक्ति के लिए स्वयं के साथ ही पत्नी व बच्चों के जन्मदिन, शादी की सालगिरह पर अवकाश देने के निर्देश दिए थे। 6 अक्टूबर 2017 को फिर से उन्होंने आदेश जारी किया है। लेकिन यह कुछ ही जगहों में, कुछ समय ही चल पाया। वर्ष 2017 में भोपाल में रोस्टर बनाकर वीक आफ शुरू किया था, लेकिन बाद में बंद कर दिया गया। साल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस कर्मियों को वीकली ऑफ दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन तब भाजपा चुनाव हार गई थी। साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र वचन पत्र में पुलिस का साप्ताहिक अवकाश देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तीसरे दिन ही कमल नाथ पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे। तब उन्होंने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अवकाश नियम बनाने के आदेश दिए। कुछ पुलिसवालों को अवकाश मिलना शुरू भी हुआ था, लेकिन योजना समग्र रूप से लागू नहीं हो सकी थी। आपको बता दें कि 27 जनवरी 2023 को छह हजार नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र देते समय मुख्यमंत्री शिवराज​ सिंह चौहान ने पुलिस को अवकाश देने की बात कही थी, उस बयान को 6 महीने बीत गए, लेकिन आदेश जारी नहीं हुआ। अब चूंकि विधानसभा चुनाव को चार महीने का ही समय बचा है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार रात मुख्यमंत्री आवास में आयोजित 'पुलिस परिवार समागम' कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को अवकाश देने की बात कही है। एक थाने में पदस्थ पुलिस अधिकारी ने कहा कि चुनावी समय में ऐसे ऐलान होना नई बात नहीं है। अगर सरकार सच में पुलिसकर्मियों का तनाव कम करना चाहती है तो एक आदेश जारी करने में कितना समय लगता है? पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ स्तर के आईपीएस ने अनौपचारिक चर्चा में मुझसे कहा कि पुलिस को अवकाश देने का पत्र गृह मंत्री और उनके मंत्रालय से पुलिस मुख्यालय आएगा। उसके बाद मुख्यालय जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देगा। इसके बाद अवकाश की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लेकिन सरकार ऐसा करेगी, उम्मीद नहीं दिखती।

Police face many problems

Saturday, July 29, 2023

मध्यप्रदेश में हर रोज 32 बच्चे हो रहे हैं गायब

 मध्यप्रदेश में

Missing child in madhya pradesh

हर हर रोज 32 बच्चे गायब हो रहे हैं