Wednesday, March 23, 2022

मध्यप्रदेश : 'सुशासन से समृद्धि' का मॉडल

 

डॉ. दीपक राय

23 मार्च 2022

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 'मामा जी' ने राजनीति ही नहीं, मध्यप्रदेश के विकास में नया अध्याय जोड़ दिया है। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री के तौर पर 15 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। वे प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते नेता हैं। आज शिवराज जी के चौथे कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण हुए हैं। सत्ता उनका कभी लक्ष्य रहा ही नहीं है। सत्ता उनके लिये अपने प्रेरणा-स्त्रोत पं. दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों के अनुरूप अंतिम पंक्ति के अंतिम आदमी के दुख-दर्द दूर करने का एक साधन भर है। शिवराज सिंह चौहान को जब प्रदेश की कमान मिली थी, तब मध्यप्रदेश की गिनती बीमारू राज्यों में होती थी, लेकिन इन 15 वर्षों में प्रदेश की छवि अब 'विकास करने वाले राज्य' की है। शिवराज के नेतृत्व में प्रदेश में तरक्की और खुशहाली का वातावरण बना है। पांव—पांव वाले भैया के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान लोकसेवा और राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए 24 घंटे जुटे रहते हैं। 

Shivraj Singh Chauhan and Sadhna Singh in Bhagoria Badwani


शिवराज सिंह लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल में जेल जा चुके हैं। उन्होंने बचपन में ही गृह ग्राम जैत में मजदूरों को पूरी मजदूरी दिलाने के लिये जुलूस निकाला था। उनका राजनीतिक इतिहास भी समृद्ध रहा है। वर्ष 1990 में थोड़े समय के लिये विधायक और फिर विदिशा से लगातार 5 बार लोकसभा चुनाव जीते, 14 वर्ष तक सांसद रहे। राजनीति के साथ ही जनसेवा उनका परम लक्ष्य रहा। चाहे संगठन का काम हो या मुख्यमंत्री के रूप में प्रशासन का। सभी कार्यों को उन्होंने कुशलता के साथ अंजाम दिया। उनका पन्द्रह साल का मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल असंभव को संभव बनाने वाली जिद का उदाहरण है। उन्होंने प्रदेश के हर वर्ग के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं बनाईंं। मध्यप्रदेश के किसान आज आत्मनिर्भर हो चुके हैं। लगातार 7 वर्षों तक कृषि कर्मण अवॉर्ड मिला है। बीमारू राज्य में किसानों को कर्ज मिलता ही नहीं था, बहुत कम किसानों को कर्ज मिलता था, उनसे भी 4 से 7 प्रतिशत तक ब्याज वसूला जाता था, लेकिन जैसे ही शिवराज मुख्यमंत्री बने, उन्होंने ​सभी किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया। फसल उपार्जन में पारदर्शिता लाई, फसल बेचने के तीन दिन के अंदर ही खातों में भुगतान किया। फसल बीमा, फसल हानि राहत, बिजली सब्सिडी आदि किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों के खातों में 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि डाली गई। आज किसान खुशहाल हैं। फसल बीमा योजना में शामिल किसानों की संख्या साल 2002 की स्थिति में 15.23 लाख थी जो आज बढ़कर 65 लाख से अधिक हो गई है। 12 फरवरी 2022 को बैतूल में 49 लाख 85 किसानों के खातों में 7 हजार 618 करोड़ रुपये की फसल बीमा राशि सिंगल क्लिक से भेजी गई थी,आज तक पूरे देश में  इतनी बड़ी राशि फसल बीमा के रूप में किसानों को एक साथ कभी नहीं दी गई। किसानों को 24 घंटे बिजली देना सुनिश्चित किया जा रहा है। कृषि ही नहीं, हर क्षेत्र में शिवराज जी ने कीर्तिमान रचा है। उनकी राजनीति का लक्ष्य आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण, राष्ट्र का पुनर्निर्माण तो है ही, इसके साथ ही राजनीति को छल, फरेब, दुरभि-संधियों और जाति और धर्म की संकीर्णताओं से ऊपर उठाकर विकासपरक बनाने का भी है। वे इसमें सफल भी रहे हैं।



 किसानों, गरीब, महिला, युवा, जनजातीय, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, सामान्य और श्रमिक वर्ग के दुख-दर्द को दूर करने के लिये हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, सरकार और समाज को विकास के कामों में साथ ला रहे हैं। मध्यप्रदेश में उन्होंने सरकारी कार्यों को पूरा करने में जन-भागीदारी का अनूठा मॉडल पेश किया है। हर महीने रोजगार दिवस, लाड़ली लक्ष्मी 2.0, महिला सशक्तिकरण, सरकारी भर्तियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत तक आरक्षण, निकाय पंचायत चुनावों में महिलाओं का आरक्षण, महिला स्वसहायता समूह, सीएम राइज स्कूल, चाइल्ड बजट, स्टार्टअप नीति, प्रतिदिन पौधरोपण करना, प्रदेश को स्वच्छ बनाना, जनजातीय वर्गों का गौरव बढ़ाने जैसी दर्जनों नवाचारी योजनाएं हैं। लोक सेवा गारंटी कानून, 181 सीएम हेल्पलाइन सुशासन के साथ सुराज की नई मिसाल है। जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से वे जन—जन के दिलों में राज कर रहे है। एक लाइन में कहूं तो प्रदेशवासियों के दिल और इतिहास दोनों में शिवराज जी ने अपना अमिट स्थान बना लिया है। लेकिन यह तो मील का पत्थर है, शिवराज सिंह चौहान यहीं नहीं थमने वाले, क्योंकि उनकी मंजिल है आत्म-निर्भर 'मध्यप्रदेश'। वह एक ऐसा मध्यप्रदेश बना रहे हैं जिसमें हर परिवार के पास रोटी, कपड़ा, मकान, दवाई और रोजगार हो। वे राष्ट्रनिर्माण की दृष्टि के साथ प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।

 


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