Saturday, November 15, 2008

पीपी सर चीन के लिए रवाना हुए

अस्द्फ़्घ्ज्क्ल्स्क्ष्क्द्फ़्व्त्ग्ब्य्हुन्जिफ़्घ्व्पेरुग्प्व्मेर्ग्त्केर्त्पौएर्व्तुएव्र्पोतेरोम्[ओएव्र्त्क[ओइएर्क्तुओ[र्त्म्ग्फ्म्क्ल;फ्ग्व्क्फ्ग्क्ल्फ्ग्व्क्ल्फ्ग्व्क्ल्फ्ग्क्ल्ज
फ्न्ज्न्ख्ल्ग्फ्ज्म्ज्क्ल्ग्फ़
फ्ग्ज्ब्ख्ह्ल्ख्क्फ्ग
फ्ग्जं न्ख्ह्क्द्फ्ग
फ्घ्ख्झ्क्य्घ्द्फ्ग्शय्ढ़य्ज्र
एर्त्य्हिर्पोइयिएओव्जुह्य्र्त
एव्र्युहोइप्र्व्य्प्मोव्तुय्व्त्र्य
क़ेर्थ्क़ेरिओत्यिएओप्व्रुव्य
एर्तेर्क़िउतेर्क़िओप्तु




दिमाग मत लगाओ कुछ नहीं लिखा है

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