Tuesday, July 28, 2009

चेहरा नहीं दिखता

आज किसी ने तन मन धन झकझौर कर दिया वो इंसान जो मेरे साथ काम कर रहे है उनने मुझसे कहा क्या तेरी कोई सेटिंग है में हंसा क्या बात कही थी मेरा मन भी हिल गया मेने जबाब दिया की नहीं मेरी कोई नहीं है मै तो प्यार ही नहीं किया वे तापाक से बोले अरे भाई प्यार नहीं मै तो सेटिंग की बात कर रहा हु आज प्यार कौन करता है पगले अरे तू भी जमा ले मुघे उनकी बात पर मज़ा आ रहा था पर वो बन्दा जब से नौकरी कर रहा था जब मै पैदा हुआभी नहीं था मेरे भोपाल में आये जादा दिन नहीं हुए है पर मजाल की किसी लड़की का दीदार किया हो
इसके पीछे न जाने क्यों मेरा मन ही नहीं करा मै तो सिर्फ आनंद लेता हूँ
अब भोपाल का बारे मै पढिये यहाँ लड़की का सब कुछ दीखता है पर क्या करू चेहरा नहीं दीखता क्यौकी यहाँ की लड़किया सभी नहीं वे तो मुह मै कपडा बंधकर ही घर से निकलती है मजाल की कोई उनका थोबडा देख सके मै तो बेचारा आनंद लेने वाला पत्रकार हर चीज़ को गौर करके देखना आदत बन गयी है

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