Saturday, September 25, 2010

मनमानी न करो ‘सरकार’


कुछ सवाल
१. क्या आरोप लगने से कोई अपराधी हो जाता है?
२. क्या किसी सम्माननीय पद पर बैठे व्यक्ति पर झूठे आरोप लगाए जाने चाहिए?
३. क्या कुलपति जैसे ओहदे के व्यक्ति को न्यान जाने बगैर कार्रवाई करनी चाहिए?
४. क्या किसी महिला को अपने महिला होने का दुरुपयोग करना चाहिए?

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के इतिहास में शायद पहली बार किसी कुलपति ने इतनी ऐसी हरकत की हो, आरोप लगा और एचओडी को पद से हटा दिया, यहां तक कि वह आरोप तय हुए ही नहीं और पद छीन लिया। विवि के पत्रकारिता विभाग के एचओडी पुष्पेंद्र पाल सिंह पर एक महिला शिक्षाविद् ने प्रताड़ना का आरोप लगाया है। महिला आयोग ने इस मामले में सुनवाई के लिए 28 सितंबर तारीख तय कर दी। यानि उन पर अभी तक आरोप तय भी नहीं हुए हैं। इसके बाद पीपी सिंह को पद से हटाना अनुचित है। ज्ञात हो कि कुछ महीने पहले ही यहां पर नए कुलपति कुठियाला आए हैं। ये जबसे आए तबसे ही विवि का माहौल पूरी तरह से बदल गया। उन्होंने यहां पर नए पाठ्यक्रम शुरू कराए हैं उसके बाद इन पाठ्यक्रमों पर वह आरोप लगे जो शायद ही पहले लगे हों। कई कोर्स की मान्यता पर भी सवाल उठे थे। कुठियाला के पहले यहां पर श्री अत्चयुतानंद जी कुलपति रहे हैं। उनके कार्यकाल में कभी आंदोलन नहीं हुए। यानि कुठियाला में ही कुछ ‘खोट’ है। पिछले दिनों एक विभाग ही नहीं कई विभागों ने कुलपति के खिलाफ विरोध जताया था। विद्यार्थियों को आरोप है कि कुलपति को यह शक है कि उनके खिलाफ विरोध भड़काने में पीपी सिंह अव्वल रहे हैं। पर शक का यह मतलब तो नहीं कि एक सम्माननीय पद पर बैठे विभागाध्यक्ष की कुर्सी जांच किए बिना ही छुड़ा ली जाए। विश्वविद्यालय के छात्रों को जैसे ही जानकारी लगी की एचओडी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है तो वे उत्तेजित हो गए। और कुलपति से मिलने पहुंच गए पर वहां कुलपति नहीं मिले। ऐसे में छात्र जांच की मांग करने लगे जब उन्हें संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिला तो उग्र होना स्वाभाविक था। उसके बाद ही ये छात्र-छात्राएं आमरण अनशन पर बैठ गए। अभी-अभी मुझे खबर लगी है कि कुछ छात्र अस्पताल में भी भर्ती हो गए हैं। छात्र इस बात से आहत हैं कि उनके नेक विभागाध्यक्ष को झूठे आरोपों में फंसाया गया है। एक शिक्षक पर अगर झूठे आरोप लगें तो बच्चों का उबलना जरूरी है। एक छात्र ने बताया कि हम तब तक अनशन पर बैठेंग जब तक कि हमारे सम्माननीय एचओडी को वापस नहीं बुला लिया जाता, क्योंकि वे बेकसूर हैं।

1 comment:

Anonymous said...

deepak ji
ap bilkul sahi kah rahe hai ....
kisi ko dusron ki najaron mai girakar VC sahab apna kad nahi badha sakte hai. aur rahi bat ye sarkar kabhi to jagegi.....
dekhana yah hai ki kab apne baaap se hamare hak ki bat karne ko taiyar hoti hai