Sunday, August 21, 2011

दो ड्राइवरों ने ले ली 10 यात्रियों की जान

  ड्राइवरों नें कुछ इस तरह जलाइं एक दूसरे की बसें




कई यात्री गंभीर रूप से झुलसे
मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल
बस में 40 लोग सवार थे
 बाद वाली बस को पेट्रोल डालकर जलाया गया
सवारी ढोने को लेकर हुआ विवाद
आग लगाते समय यात्रियों को बस में बंद कर दिया गया था
घटना के मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश
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  इस वीभत्स घटना में आरोपियों को फांसी मिले भी तो कम है, आखिर बेकसूरों की जान वापस कैसे आएगी। हां हमारे मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए सहायता देने की बात कही है। 
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बड़वानी जिले के बालसमुद के पास रविवार को दो बस चालकों में हुए विवाद के बाद दोनों बसों में आग लगा दी गई, जिसके चलते 10 निर्दोष यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई और कम से कम 10 अन्य व्यक्ति बुरी तरह झुलस गए। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।अपुष्ट सूत्रों के अनुसार मृतक संख्या काफी ज्यादा हो सकती है। बताया जाता है कि जिस बस को बाद में आग लगाई गई उसमें 40 लोग सवार थे। इस बस को पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई गई। घटना के मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए गए है।
राजमार्ग क्रं. 3 पर रविवार दोपहर को सेंधवा से इंदौर जा रही निजी यात्री बस (सांईकृपा बस  क्रं. एमपी-09-एफए-2717) तथा आरजे-09-पीए-1442 अशोक ट्रेवल्स के परिचालकों में सवारी ढोने को लेकर हुए विवाद हुआ। ग्राम जामली स्थित टोल प्लाजा पर कहा सुनी हुई। विवाद में अशोक ट्रेवल्स के कर्मचारी ने टोल प्लाजा से लगभग 5 किमी दूर स्थित बालसमुद परिवहन चौकी के समीप पीछे से आ रही सांईकृपा ट्रेवल्स  बस को रोककर  मुख्य द्वार पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। बताया जाता है कि यह बस मां शारदा टेवल्स से अटैच है, विवाद में हुई आगजनी की घटना से घबराए कुछ यात्री बस से उतर कर भागने में कामयाब रहे, वहीं अन्य कई लोग बुरी तरह से झुलस गए। प्रत्यक्षदर्शियों राजेश मुजाल्दे के अनुसार लगभग 4.30 बजे अशोका ट्रेवल्स से उतरे एक कर्मचारी ने सांईकृपा टेवल्स की बस को रोका और उसमें आग लगाई। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के चलते घटना के समय बस में लगभग 40 से अधिक यात्री सवार थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग इतनी भयानक थी कि उसके समीप जाकर यात्रियों को बचाने की कोशिश भी नहीं कर पाए। अफरा-तफरी के माहौल में बस में कितने यात्री उतर पाए और कितने यात्रियों की जीवनलीला जल कर समाप्त हो गई, इसका उस समय अंदाजा तक नहीं लगाया जा सका। 


गुस्साई भीड़ ने लगाई आग
अचानक हुई इस घटना से परिवहन चौकी तथा ग्राम सालीकला के ग्रामीणजन एकत्रित हो गए। घटना की सच्चाई से अवगत होने पर गुस्साई भीड़ ने दूसरी बस आरजे-09-पीए-1442  में भी आग लगा दी। जिसमें कोइ भी हताहत नहीं हुआ।
बड़वानी एसपी आरएस मीण ने बताया कि आपसी विवाद में बस चालक और परिचालक ने पेट्रोल डालकर दूसरी बस को आग लगाई है, जिसमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। फरार दोषियों की खोजबीन आरंभ कर दी गई है। मंदसौर स्थित बस मालिक से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है।

एक ही परिवार के चार जले
इस घटना एक ही परिवार के चार सदस्यों के जल जाने की समाचार प्राप्त हुए है। बताया जा रहा है कि राजेन्द्र पिता बाबूराव खोरी निवासी धार अपने पिता बाबूराव खोरी (62), माता सुमन (55), पत्नि मनीषा (28), पुत्री साक्षी (3) तथा पुत्र अमन 6 माह के साथ सेंधवा में अपने छोटे भाई की ससुराल अरूण मेवाड़े के घर रविवार दोपहर 1 बजे के लगभग पहुंचे थे। जो सांईकृपा बस से वापस लौट कर धार जा रहे थे। घटना के बारे में राजेन्द्र ने बताया कि आगजनी के पश्चात उन्होंने अपने 6 माह के पुत्र को खिड़की से फेंक कर स्वयं भी कूद गए, लेकिन अपने माता-पिता, पत्नि तथा पुत्री को बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन आग का शोला बन चुकी बस में वह दूसरी मर्तबा घुस नहीं पाया। जिससे उनके पूरे परिवार की मौत हो गई। शासकीय अस्पताल में पहुंचे नर कंकालों में 8 कंकाल उम्र दराज तथा दो कंकाल बच्चों के बताया गए हैं। घटना में अस्पताल में पहुंचे कंकालों में एक कंकाल की स्थिति दिल दहलाने वाली थी। 

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प्रारंभिक जानकारी नें पता चला हैं कि जलाई गई बस शारदा ट्रेवल्स इंदौर की है। वही दूसरी बस रिषीराज ट्रेवल्स की बताई जा रही हैं। इन दोनों बसो के मालिकों में पहले से विवाद चल रहा हैं। घटना के एक घंटे पहले भी विवाद हुआ था। इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया हैं। इस मामाले में आरजे 09 पीए 1442 के चालक तरूण सोनी, कंडक्टर दिलीप शर्मा दोनो निवासी मंदसौर और एक अन्य कंडक्टर राजकुमार निवासी गुना के खिलाफ हत्या और आगजनी का मामला दर्ज कर लिया गया हैं। फिलहाल आरोपियों की तलाश की जा रही हैं।
अनुराधा शंकर,  आईजी इंदौर रेंज 

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