Saturday, February 19, 2011

मैच देखो और देखने दो


हालाकि दुनिया में कोई मायने नहीं रखता क्रिकेट, फुटबॉल, ओलंपिक खेलों के बादशाह हैं। मात्र 14 देशों के बीच खेले जा रहे खेल ने भारत को गुलाम बना लिया है। इसके बाद भी क्रिकेट वर्ल्ड कप की धूम मची हुई है। इन सभी के बीच में टीवी के सामने भारतीय लोगों को मुफ्त में ज्ञान बांटने की आदत कुछ ज्यादा ही है। जब विलेन हीरो को मारता है तो जनता मन में सोचती है, हीरो मद्दी है, जब सनी देओल चिल्लाता है तो लोग हवा में उड़ जाते हैं तो सिनेमा में बैठा दर्शक बड़ा  ही खुश होता है।
इन सबसे अलग है क्रिकेट।

भारत और बंगला देश के बीच मैच चल रहा है भारत पहले बेटिंग कर रहा है,
एक भाई साहब बोले- देखा अपना सहवाग कमाल कर रहा है।
दूसरे भाई साहब- मैंने तो पांच ओवर बाद ही बोल दिया था आज सहवाग खूब खेलेगा।
दो लोगों की बात खत्म ही नहीं हुआ तीसरे टपक पड़े- आज तो इंडिया जीत ही जाएगी
लेकिन पहले सचिन को उतारना चाहिए, दूसरा नई यार सहवाग ही कमाल कर देगा।
तीसरा- भैया बेटिंग नहीं बॉलिंग देखी बंगला देश की। उखाड़ कर रख देंगे।
अब रहा नहीं गया तो चौथे भाई भी पास आ गए और हां यार कांफिडेंस देखा गंभीर का तभी तो मस्त खेल रहा है, इतने में ही विकेट गिर गया और गंभीर पिच से गायब
कहीं से आवाज आई यार उसको हल्के से प्लेट करना था, तेजी से खेल गया, इसलिए निपट गया।
 भाई साहब किसी महान पुरुष ने कहा है ‘बगैर मांगे सलाह तो देनी ही नहीं चाहिए।’ और क्रिकेट जिसके बारे में बड़े-बड़े कोच हैं अनुभवी खिलाड़ी। तो काहे को अपनी एनर्जी वेस्ट कर रहे हो......
फालतू की बातें
मैच देखों और देखने दो

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