Tuesday, April 1, 2014

तीर्थयात्रियों को दिख रहे मोदी-केजरीवाल

चित्रकूट से दीपक राय की रिपोर्ट...

''चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़।।
कोई केजरी-राहुल जपे, कोई कहे मोदी वीर।।''
वैसे तो पूरे साल भर यहां पर श्रीराम के जयकारे लगते हैं। हजारों की भीड़भाड़ देखने मिलती है, लेकिन इन दिनों फिजा में अलग ही रंगत है। क्या तीर्थयात्री और क्या पंडित, सब के सब भगवान की भक्ति से ज्यादा राजनीति में लीन दिख रहे हैं। यहां पर नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी को लेकर चुनावी चर्चा जोरों पर है। सबसे खास बात यह है कि यह जगह मध्यप्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा को जोड़ती है। जी हां हम चित्रकूट धाम की बात कर रहे हैं, जहां पर राम-सीता-लक्ष्मण जी ने वनवास के दौरान काफी समय बिताया था।
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पंडा हो या श्रद्धालु, सब पूछ रहे पीएम कौन?
महाराष्ट्र से श्री राम दर्शन करने आए श्रद्धालु नंद कुमार कहते हैं, हमारे यहां कांग्रेस को कोई पसंद ही नहीं कर रहा, लेकिन हां नरेंद्र मोदी की लहर चल रही है। इलाहाबाद के श्रीप्रकाश बताते हैं, 'भैया उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की गुंडागर्दी और बहुजन समाज पार्टी की मनमानी से सब त्रस्त हैं। अब एक मात्र मोदी ही उम्मीद की किरण दिखाई देते हैं।Ó वे बताते हैं कि बनारस से मोदी अवश्य ही अच्छे वोटों से जीतकर आएंगे और भाजपा यूपी से ज्यादा सीटें बटोरेगी।
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मोदी ही बनें पीएम
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे तो हमारा चित्रकूट भी गुजरात जैसा हो जाएगा। हमें शिक्षा के लिए नहीं भटकना पड़ेगा। अच्छी सड़कें बनेंगी। रोजगार मिलेगा। मोदी की तारीफ करने वाले शिवकुमार से जब हमने पूछा, 'क्या आप गुजरात के बारे में जानते हैं?Ó तब वे कहते हैं, 'नहीं हम वहां तो नहीं गए, लेकिन विकास की बातें सुनी हैं, टीवी-पेपर में देखा है।Ó
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आखिर क्यों पसंद आ रहे मोदी
यह वही इलाका है जहां पर दो दुर्दांत डाकू शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ और अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया रहा करते थे। वे अब मारे जा चुके हैं। अब यहां पर अब यहां डाकुओं का खतरा तो नहीं है , लेकिन चित्रकूट-कर्वी-मानिकपुर का इलाका बंजर है। गरीबी कूट-कूट कर भरी है, नौजवानों के रोजगार के साधन नहीं हैं। चुनाव में इसकी छवि साफ देखी जा सकती है। तीर्थ यात्रियों को लिए भोजन बनाने वाली स्थानीय महिला, सुखदेवी बताती हैं, हमारे बच्चों को पढ़ाई के लिए यहां अच्छा माहौल नहीं है। भरे जंगलों के बावजूद भी हमें अच्छा रोजगार नहीं मिल पाता। ऐसे में हमें जो रोजगार दिलाएगा हम उसे ही वोट देंगे।
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इधर...सतना, उधर...चित्रकूट
चित्रकूट धाम मप्र के सतना और उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में फैला हुआ है। यहां पर मप्र का चित्रकूट नगर पंचायत है। वहीं, उत्तर प्रदेश का कर्वी हेडक्वाटर है। मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश की मिश्रित संस्कृति यहां देखने को मिलती है, लेकिन उत्तर प्रदेश की तस्वीर हमेशा हावी रहती है।
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यहां गणेश सिंह-राहुल भैया, वहां भाजपा कन्फ्यूज
सतना से भाजपा ने सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया है, उनसे टक्कर ले रहे हैं कांग्रेस नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल सिंह। वहीं यूपी के चित्रकूट वाला हिस्सा बांदा लोकसभा सीट में आता है। यहां पर भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कांग्रेस ने विवेक सिंह को मैदान पर उतारा है। वर्तमान में समाजवादी पार्टी के आरके सिंह पटेल यहां से सांसद हैं। सपा ने उन्हें इस बार भी मैदान पर उतारा है।
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पुराने ढर्रे पर कांग्रेस
सतना सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान सांसद गणेश सिंह के दर्जनों प्रचार वाहन यहां देखे जा सकते हैं, लेकिन कांग्रेस के वाहनों की संख्या बहुत कम है। भाजपा के प्रचार वाहन में नरेंद्र मोदी विंध्य अंचल के रोजगार की दुहाई देकर वोट मांग रहे हैं। छोटी सी होटल चलाने वाले दीनदयाल कहते है, 'भाजपा वालों की प्रचार गाड़ी देखकर ऐसा लगता है कि मोदी हमारे घर में आकर वोट मांग रहे हैं।Ó दरअसल, भाजपा गांव-गांव में डिजीटल वार छेड़े है। नरेंद्र मोदी की रिकॉर्डेड आवाज मतदाताओं को सुनवाई जा रही है। वहीं, कांग्रेस पुराने ढर्रों पर ही वोट मांगती दिख रही है।

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