Thursday, April 10, 2014

NARENDRA MODI WIFE.


स्त्री चाहे तो विनाश कर दे....... चाहे तो विकास कर दे
चाहे तो सूर्पणखा बन जाए.... चाहे तो सीता बन जाए
मोदी और उनकी पत्नी को मेरा सलाम...
  दीपक राय, उप संपादकीय...
स्त्री चाहे तो विकास रच दे, स्त्री चाहे तो विनाश कर दे। एक और परिवार की सफलता का कारण बनती है तो दसूरी परिवार को बर्बाद देती है। इंडियन एक्सप्रेस में जशोदाबेन का इंटरव्यू पढ़ा। वाह क्या विचार पाएं हैं मोदी जी की पत्नी ने। मोदी की सफलता में अपरोक्ष रूप से उनका ही हाथ हैं। जशोदाबेन कहती हैं- मुझे मोदी से कोई शिकायत नहीं है। हम कभी नहीं मिले। वे देश के भले के लिए काम कर रहे हैं। 17 साल में ही जशोदाबेन की मोदी से शादी हो गई थी। शायद उस समय मोदी अपने परिवार को शादी से मना नहीं कर पाए होंगे। जशोदाबेन की पढ़ाई ससुराल वालों ने बंद करा दी। मोदी ने कहा, नहीं तुम और पढ़ो, जशोदाबेन ने पढ़ाई की। जब मोदी ने जशोदाबेन से देश सेवा की बात कही तो वे भी मान गईं और दोनों सहमति से अलग हो गए। मोदी को देश सेवा करनी थी, ऐसे में एक आदर्श पत्नी कैसे पति को रोक सकती है। जहां रानी लक्ष्मी बाई देश के लिए अपनी जान दे देती है। यहां तो देश हित के लिए मां अपने बेटे को कुर्बान कर देती है। पत्नी अपने पति को न्यौंछावर कर देती है। ऐसे देश में जशोदाबेन ने मोदी को मुक्त कर दिया। जशोदा बेन उन स्त्रियों से बेहतर हैं जो अपने लाभ के लिए परिवार को बिखेर देती हैं। जशोदाबेन को मेरा सलाम और मोदी को भी। आपको बता दूं दोनों ने तलाक भी नहीं लिया है।
(1 फरवरी 2014 को इंडियन एक्सप्रेस ने मोदी की पत्नी जशोदाबेन का इंटरव्यू छापा था।)

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