Saturday, January 29, 2011

अरबपति निकले दो इंजीनियर

  शिवपुरी स्थित रामनिवास शर्मा का निवास, जहां शुक्रवार को (28 जनवरी 2011)छापा मारा गया।




















छापों में अरबों की काली कमाई उजागर
लोकायुक्त पुलिस और आयकर विभाग ने प्रदेश में कई स्थानों पर मारे छापे, बेहिसाब संपत्ति का किया खुलासा
शिवपुरी/भोपाल/ग्वालियर 29 jan
सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल के महाप्रबंधक आलोक चतुर्वेदी और उपयंत्री रामनिवास शर्मा के भोपाल, विदिशा, शिवपुरी तथा ग्वालियर स्थित घर तथा दफ्तरों पर लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने छापामार कार्रवाई की। इस कार्रवाई में अब तक 3.13 करोड़ कीमत की चल-अचल संपत्ति मिली है।
लोकायुक्त पुलिस ने चारों जगह शुक्रवार सुबह एक साथ छापे मारे। भोपाल में आलोक चतुर्वेदी के निरूपम रॉयल पाम कॉलोनी जाटखेड़ी में कार्रवाई हुई। एसपी लोकायुक्त बीपी चन्द्रवंशी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान दो डुप्लेक्स, जाटखेड़ी में ही चार मंजिला गर्ल्स हॉस्टल, मानसरोवर कॉम्पलेक्स, होशंगाबाद रोड में एक दुकान तथा जाटखेड़ी के केसरी गांव में 45 एकड़ जमीन मिली है। इसके अलावा इंडिका कार, मोटरसाइकिल भी मिली है। वहां से मिली कुल संपत्ति 1 करोड़, 94 लाख 70 हजार रुपए कीमत की बताई गई है। श्री चन्द्रवंशी ने बताया कि ग्वालियर के गोविंदपुरी स्थित सपना मेंशन के डुप्लेक्स नंबर चार पर जब लोकायुक्त टीम पहुंची तो पता चला कि यह डुप्लेक्स एक साल पहले ही बिक चुका है। भोपाल स्थित मकान से एसबीआई की एक ब्रांच के लॉकर की चाबी भी मिली है।
श्री चन्द्रवंशी ने बताया कि आलोक चतुर्वेदी चंूकि ग्वालियर के निवासी हैं, इसलिए यहां भी कार्रवाई करना पड़ी।
विदिशा से मिला वाहनों का जखीरा
विदिशा में आलोक चतुर्वेदी के रिश्तेदार उपयंत्री रामनिवास शर्मा के कई ठिकानों पर दबिश देकर वहां से पांच डंपर, बुलेरो कार, एक मारुति वैन, टाटा सफारी, एक जेसीबी मशीन, पानी का टैंकर, दो टैÑक्टर, मैक्स 100 (लोडिंग वाहन ) बरामद हुए हैं।
शिवपुरी में दफ्तर पर छापा : लोकायुक्त पुलिस ने शिवपुरी में उपयंत्री रामनिवास शर्मा के मकान तथा आलोक चतुर्वेदी तथा रामनिवास शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से संचालित इंफ्रा डेवलपर प्रतिष्ठान पर भी छापा मारा। शिवपुरी में हुई कार्रवाई के दौरान एक मारुति वैन, तीन स्कूटी सहित 1 करोड़ 18 लाख 40 हजार की संपत्ति बरामद होना बताई है।
प्रकरण दर्ज : रामनिवास शर्मा के मकान से इलाहाबाद बैंक, सेन्ट्रल बैंक आॅफ इंडिया, स्टेट बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बडौदा आदि शाखाओं के तमाम बैंक खाते, लाकर आदि मिले हैं और इन लॉकरों को सील किया जा रहा है। रामनिवास शर्मा और आलोक चतुर्वेदी पर प्रथमदृष्टया ही अनुपात हीन सम्पत्ति का पता चला है। इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। 
  1.5 करोड़ नगद और 6 किलो सोना मिला. 30 jan
1.5 करोड़ मिले नगद
  नोटों की गिनती जारी
ल्ल छह किलो सोना मिला, समदड़िया ग्रुप का भी नाम आया, ढाई दर्जन बैंक खातों का खुलासा
प्रशासनिक प्रतिनिधि, भोपाल
जबलपुर में शंकरलाल केमतानी और उनके सहयोगी समूहों पर आयकर छापों की कार्रवाई में नित नए खुलासे हो रहे हैं। जबलपुर के व्यापार जगत के जाने-माने नाम समदड़िया समूह के निवेश से जानकारी से जुड़े दस्तावेज भी आयकर विभाग के हाथ लगे हैं। इस छापे का सबसे बड़ा खुलासा यह है कि इन सभी समूहों ने ‘आॅन मनी हवाला’ करके आयकर विभाग की आंखों में धूल झोंकी और अनेक प्रोजेक्ट्स में करोड़ों रुपए अलग-अलग नामों से निवेश किए। केमतानी सहित अन्य दोनों समूहों के कर्ता-धर्ताओं से आयकर विभाग को करीब डेढ़ करोड़ रुपए नगद और 6 किलो सोना मिल चुका है।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को केमतानी समूह और उनके सहयोगियों शंकर मनचानी और रामचंद्र खटवानी के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापे मारे थे। कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही, जो रविवार को भी जारी रह सकती है। केमतानी और उनके दोनों सहयोगी समूहों के प्रतिष्ठानों, निवास और साइट आफिस से बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद हो रहे हैं, जिनमें कई दूसरे व्यापारिक समूहों, प्रदेश के कद्दावर नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के निवेश की जानकारी हैं। इनमें कुछ रजिस्टर भी हैं जिनमें फ्लैट, दुकान बेचने की फर्जी इंट्रियां बताई जा रही हैं। सभी 20 ठिकानों पर चल रही कार्रवाई में विभाग को अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपए नगद मिल चुके हैं। नगदी के अलावा केमतानी, मनछानी और खटवानी के परिजनों के निवास और अन्य ठिकानों से अब तक 6 किलो सोने के जेवरात मिल चुके हैं। इसके अलावा ढाई दर्जन से ज्यादा बैंक खातों और करीब एक दर्जन बैंक लॉकरों की जानकारी विभाग को मिल चुकी है।
क्या है आन मनी हवाला
आन मनी हवाला यानी अपने पैसों को किसी और के नाम से निवेश करना। आयकर सूत्रों के मुताबिक इसके जरिए इन समूहों के कर्ताधर्ताओं ने न सिर्फ जबलपुर में बल्कि कटनी, सतना और कान्हा में बड़ी संख्या में प्रापर्टी खरीदी है। अपने पैसों को दूसरे नामों से निवेश किया और रजिस्ट्री अपने और परिजनों के नाम से कराई। इस तरह गड़बड़ियों के सबूत छापों के दौरान आयकर टीमों को मिले हैं।
समदड़िया ग्रुप का 60 प्रतिशत तक निवेश
मुस्कान ग्रुप के प्रोजेक्ट के करीब आधा दर्जन प्रोजेक्ट में समदड़िया ग्रुप की 60 प्रतिशत तक भागीदारी है लेकिन वास्तविक दस्तावेजों में इस भागीदारी को छुपाया गया है। बताया जाता है कि आयकर विभाग ने करीब 6 महीने में जबलपुर में ही मुस्कान ग्रुप के ठिकानों पर सर्वे की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में मिले दस्तावेज के आधार पर ही इस बार छापे मारे गए हैं। समदड़िया समूह मुख्यत: ज्वैलरी का काम करता है लेकिन इसके कई दूसरे धंधे भी हैं।
6 करोड़ सरेंडर, केमतानी की मां बीमार
देर रात तक मुस्कान ग्रुप के मालिक शंकर मनचानी ने आयकर विभाग के सामने छह करोड़ रुपए की कर चोरी कबूल करते हुए इतनी राशि सरेंडर कर दी है। कार्रवाई के दौरान केमतानी ग्रुप की कौशल्या केमतानी को सीने में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

लॉकर में मिले छह लाख
पीसं, ग्वालियर। मप्र सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक आलोक चतुर्वेदी के भोपाल स्थित एसबीआई के लॉकर से लोकायुक्त टीम को छह लाख नगद मिले हैं, जबकि शिवपुरी का लॉकर खाली मिला है। जांच टीम को भोपाल के गर्ल्स हॉस्टल से शराब की बोतलें बरामद हुई हैं। भोपाल में जांच कर रहे लोकायुक्त निरीक्षक सुरेन्द्र राय शर्मा ने बताया कि शनिवार को एसबीआई की विद्यानगर शाखा में आलोक चतुर्वेदी के लॉकर को बैंक अधिकारियों के सामने खोला गया। लॉकर से सिर्फ 5.95 लाख रुपए नगद मिले हैं। शिवपुरी में रामनिवास शर्मा का लॉकर खाली मिला। जाटखेड़ी स्थित आलोक चतुर्वेदी के आलीशान बंगले में लोहे के पलंग और टेंट हाउस के गद्दे से हैरत है। लोकायुक्त टीम से जुड़े सदस्यों का मानना है कि आलोक चतुर्वेदी के यहां छापामार कार्रवाई की सूचना लीक हुई है।
हालांकि छापों में बरामद दस्तावेजों पर जांच की सुई अटक गई है। 
पीडी अग्रवाल ने किए 9 करोड़ सरेंडर
इंदौर।  आयकर विभाग द्वारा शुक्रवार को पीडी अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रालि के चार स्थानों पर किए गए सर्वे में शनिवार को 9 करोड़ रुपए सरेंडर करवाए गए हैं। इसके अलावा इंदौर और उज्जैन के अफसरों ने टीम ने पिछले दो दिनों में लगभग दर्जनभर स्थानों से 22 करोड़ रुपए से ज्यादा सरेंडर करा लिए हैं। इंदौर में चावला कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रालि ने शुक्रवार को 7 करोड़ रुपए सरेंडर किए थे। वहीं बुरहानपुर और ब्यावरा के गारमेंट, ज्वेलर्स और कृषि उपकरण व्यवसायियों से 2.62 करोड़ रुपए सरेंडर करवाए गए हैं। उधर उज्जैन आयकर विभाग के दल ने लगभग 3.40 करोड़ रुपए सरेंडर करवाए हैं।


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